Sanjay Oza's Album: Wall Photos

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क्या मदर टेरेसा का कोई "काला सत्य" है, जिसे हमेशा छिपाया जाता है?

जी हाँ!! यद्यपि, मै अभी जो कुछ भी कहूंगा तथ्यों व प्रमाणों के साथ कहूंगा, लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि Facebook इस उत्तर को हटा देगी, इससे बचने व अधिक से अधिक लोगों तक सत्य को पहुंचाने के लिए मैं "महिला Y" शब्द का प्रयोग करूँगा। उम्मीद करता हूँ कि पाठक अपने विवेक से समझ जाएंगे कि "महिला Y" से मेरा संकेत किस ओर है। तो चलिए प्रश्न पर आते हैं:

महिला Y सेवा की आड़ में गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर धर्म परिवर्तन का कार्य किया करती थी। महिला Y ने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की मदद से भारत में निर्मल ह्रदय और निर्मला शिशु भवन की स्थापना की। यह वह दौर था जब पूरा भारत विभाजन की त्रासदी से गुजर रहा था, तब हमें आजादी तो मिली पर मानसिक गुलामी के षडयंत्रों से आजादी नहीं मिली । 1947 में अंग्रेज तो चले गए, पर 1948 से मिशनरीज ने गुप्त तरीके से भारत में अपना काम करना शुरू कर दिया: वह था सेवा के छलावे से मन परिवर्तन करके धर्म परिवर्तन कराना। यहां पर एक प्रश्न मेरे जहन में बार-बार आ रहा है कि बच्चों से खासा लगाव रखने वाली महिला Y ने कभी स्कूल कॉलेज या अस्पताल की स्थापना क्यों नहीं की? शायद इसलिए क्योंकि उनका मकसद सेवा नहीं बल्कि धर्मांतरण था।

एक ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक व पत्रकार, Christofer Hichens ने अपनी किताब, "The Missionery Position: Mother Terresa in Theory and Practice" में इन पर धर्मांतरण से संबंधित कुछ गंभीर खुलासे किए हैं जैसे, इनके सेवाघरों में मरणासन्न स्थिति में आये गरीब हिन्दू-मुस्लिमों का अनैतिक धर्म परिवर्तन किया जाता था, उनसे पूछा जाता था कि क्या वे सीधा स्वर्ग जाना चाहते हैं, और उनके हाँ कहते ही, ईसाई धर्म मे परिवर्तन के लिए उनकी रजामंदी मान लिया जाता था, फिर दो नन उसका बपतिस्मा कर उन्हें ईसाई बना देती थी। इन आरोपों का समर्थन करते समय, "मरे कैम्पटन" ने भी कहा कि हिन्दू और मुस्लिम मरीजों को बिना स्पष्ट रूप से बताए उनका धर्म परिवर्तन किया जाता रहा है।

महिला Y अपने रूढ़िवादी विचार के लिए सदा चर्चा मे रही। 1971 मे बांग्लादेश युद्ध के समय दो लाख से अधिक महिलाओ के साथ पाकिस्तानियो ने बलात्कार किया था, उनमें से अधिकांशतः महिलाए कलकत्ता आयी, पर महिला Y ने उन महिलाओ के गर्भपात का विरोध किया और कहा कि गर्भपात ईसाई परम्पराओं के खिलाफ है और इन औरत की प्रेग्नैंसी एक पवित्र आशीर्वाद है। आपको जानकर हैरानी होगी पर पिछले कई वर्षों से महिला Y की संस्थाएं एक तीर से कई निशाने साध रही है। वह एक तरफ दुष्कर्म से पीड़ित अविवाहित लड़कियों को पनाह दे रही है तो दूसरी ओर इन लड़कियों द्वारा जन्म दिए गए बच्चों को बेचकर मोटी रकम कमा रही है। और साथ ही इन लड़कियों और इनके परिवार जनों पर दबाव बनाकर या डरा कर उनका धर्म परिवर्तन करा रही हैं और बाद में इन लड़कियों को इसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं ।

रांची स्थित महिला Y की संस्था निर्मल हृदय से बच्चों की बिक्री का मामला जुलाई 2018 में सामने आया था। पुलिस द्वारा जांच के बाद निर्मल हृदय की संचालिका सिस्टर कांसिलिया और एक कर्मचारी सहित 12 लोगों पर आरोप तय हुए थे। यह सिस्टर और कर्मचारी अभी भी जेल मे है। और अब इस मामले की जांच CID द्वारा की जा रही है। सिस्टर कंसिलिया के बाद नई संचालिका सिस्टर जेमा और आशा किरण पर नवंबर 2019 में एक और बच्चे की तस्करी का मामला सामने आया है। CID की जांच की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1995 से 2018 तक निर्मल हृदय में जो अविवाहित लड़कियां एडमिट की गई उनसे जन्मे 927 नवजात शिशुओं का निर्मल ह्रदय से कोई सुराग नहीं मिल रहा है।

इतना ही नहीं सेवा, प्यार, मानवता के लिए विश्व प्रसिद्ध महिला Y की बहन मेरी एलिजा को भी कोलंबो श्रीलंका में गिरफ्तार किया गया है। वह कोलंबो में अविवाहित माताओं के लिए "प्रेम निवास" नामक हॉस्टल चलाती है। जहां से यह नवजात शिशुओं को बेचने ,लोगों को बरगला कर इसाई बनाने और इसाई धर्म का प्रचार-प्रसार का काम करती है। इस संस्था ने अपने काले कारनामों को अपने सफेद लिबास से छुपा रखा है, अगर आज भी हम इनके षड्यंत्र को नहीं समझ पाए तो कल की स्थिति बहुत भयावह होगी । यहां गौर करने वाली बात यह है कि समाज के लिए खुद को समर्पित कर चुकी सफेद सूती साड़ी पहनने वाली इन नन को करोड़ों रुपए की क्या आवश्यकता है ?? जबकि इनकी संस्था को चलाने का पूरा पैसा विदेशों से आता है।
संजय सागर सर जी