क्या यह मात्र संयोग है कि सैकड़ों सालों के इंतजार के बाद यह अवसर तब आया है जब उत्तर प्रदेश में एक संत योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री हैं और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जैसे महान व्यक्ति प्रधानमंत्री है
ईश्वर ने कुछ सोचकर यह पुण्य काम कांग्रेसी को नहीं सौंपा ..वरना 1947 से लेकर 1978 तक कांग्रेस इस देश में जो चाहती वह कर सकती थी और सच्चाई यही है कि कांग्रेस ने जो चाहा वह किया भी
लेकिन कांग्रेस ने राम मंदिर को सिर्फ इसलिए नहीं जनता के बीच में उठाया क्योंकि कांग्रेश सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करती थी करती है और करती रहेगी
कांग्रेस के लिए हिंदू अस्मिता और हिंदू कभी कोई मायने नहीं रखता वरना यह ऐतिहासिक पुण्य का लाभ यदि कांग्रेसी चाहते तो उठा सकते थे लेकिन भगवान भी कभी कुत्तों से हवन नहीं करवाते