#थोथला_सेक्यूलरिज्म
राम मंदिर केस में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया है इसका बाप हाशिम अंसारी 21 साल की उम्र से लेकर 93 साल की उम्र तक केस लड़ा फिर उसके मरने के बाद इकबाल अंसारी लड़ा
इसके पास खाने तक को पैसे नहीं थे और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अयोध्या के हिंदू ही इसे पैसा देते थे अयोध्या के हिंदुओं ने ही इसका घर बनवाया और आज हम हिंदू इसे उस पवित्र रस्म में उस पवित्र मंदिर के भूमि पूजन में आमंत्रित कर रहे हैं जिस मंदिर को ना बनने के लिए इसने और इसके बाप ने अपनी पूरी जिंदगी गंवा दी
आखिर हम हिंदू न जाने किस मिट्टी के बने होते हैं..?
क्या राजनीति में लोग इतने अंधे हो जाते हैं..?
क्या तुष्टिकरण के बिना राजनीति नहीं हो सकती..?
क्या मंदिरों में राजनीतिक दुकान चलाना जरूरी है..?