अनीति....
तुम्हे दिखे है लहू के कतरे
धागे की जगह बकरे की आंते
मेरी।प्यारी सी कलाई में बंधी राखी में
भाई बहन के प्यार भरे रिश्ते में
शायद अक्ल हाई टेक का है नतीजा
हिन्दू त्योहारों पर जागता है ये पेटा
अब आ रही है बकरा ईद
इस पर निकल जायेगी तेरी लीद
नजर आयेगा तुझे बहता हुआ
लाल रक्त की जगह दुग्धा
बेबस मूक पशु की चीत्कारे
कान नही सुनेंगे दर्द भरी आवाजे
हिम्मत हो जायेगी गायब
न बनेगा देने को कोई जबाब
अगर है प्रेम इन मूक पशुओं से
बन्द करवा दो कुर्बानी बकरा ईद पे....