गाय और दूध पीते हुआ बछड़े को कर्नाटक से प्राप्त 10 - 12 वीं सदी के प्राचीन जैन शिलालेखों में दाई और दर्शायें गया है! जैन शिलालेखों में गाय को बछड़े सहित दर्शायें जाने का अर्थ है कि प्राचीन समय से ही गाय को जैन धर्म में विशेष स्थान दिया गया.....विश्व जैन संगठन VISHWA JAIN SANGATHAN
यह प्राचीन व प्रमाणिक शिलालेख कर्नाटक में श्री महावीर बसदी, गेरुसोप्पा व श्रवणबेलगोला में स्तिथ हैं!