Sambhav Jain's Album: Wall Photos

Photo 777 of 2,862 in Wall Photos

सुप्राभात सभी धर्म बन्धुवों को मेरा सादर जय जिनेन्द्र ।

विषय - लीन हो तो ऐसे लीन हो कि जन्म मरण का बंधन टूट जाए ।

एक व्यक्ति अपनी धर्मपत्नी से बहुत प्रम करता है इतना मगन रहता है कि दूसरे देखने वाले भी शर्मा जाएँ और उस व्यक्ति का इस बात का कोई खेद नहीं था ।

व्यक्ति की पिता को लज्जा आती है कि पुत्र ऐसा क्यों हो गया है ?(पत्नी ने पीछे पागल हो गया है) । पिता ने अपनी समस्या मुनिराज को बताई और मुनिराज ने जवाब दिया कि यह कोई चिंता का विषय नहीं है । एक दिन व्यक्ति को मुनिराज के दर्शन होते हैं उसी समय वह मुनिराज के प्रति इतना आकर्षित होता है कि जैनेश्वरी दीक्षा को धारण कर लेता । पति, पत्नी और साले के बीच आपस में बहुत प्रमभाव था । पति के पीछे पत्नी ने भी दीक्षा ले ली और आर्यिका बन गयीं । जीजा को दीक्षा लेते देख साले ने भी दीक्षा धारण करली । इस प्रकार तीन जीवों ने अपने जीवन को मोक्ष मार्ग के प्रति मोडा और अपना कल्याण कर लिया ।

दो पत्तियाँ मेरी तरफ से

फल की इच्छा मत रखना कभी जीवन में आगे अगर आपके परिणाम विशुद्ध हैं तो क्या पता आपको मोक्ष फल प्राप्त हो जायेगा।

उत्तम सत्य के पर्व पर आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ ।