एक बुजुर्ग अपने घर के पास समुद्र तट पर सुबह सुबह टहल रहे थे। उनके आगे एक युवा लडकी तट के किनारे टहलती जा रही थी। वह टहलते -टहलते रूक जाती,झुकती और नीचे से कुछ उठाकर समुद्र में फेंक देती।बुजुर्ग को उत्सुकता हुई।ये लडकी क्या कर रही है? वे थोड़ा तेज चलकर उस लडकी के पास पहुंचे। उन्होंने देखा कि लडकी समुद्र तट पर पडी स्टार मछलियों को उठा-उठाकर समुद्र में फेंक रही है। लहरें तो लौट जाती है पर ये मछलियां तट पर ही फंस जाती है। ये मछलियां ठंडे पानी में तो जीवित रह सकती हैं पर धूप में मर जाती हैं।
बुजुर्ग ने उस लड़की से पूछा, " तुम यह क्या कर रही हो?"
लड़की ने जवाब दिया, " सूरज निकलते ही ये मछलियां मर जाएंगी। इसलिए मैं उन्हें समुद्र में फेंक रही हूँ ताकि वे जिंदा रह सकें।" बुजुर्ग बोले," लेकिन यह समुद्र तट तो मीलों लंबा है और करोड़ों मछलियां इस तरह बहकर समुद्र तट पर आ जाती हैं। तुम्हारी इस कोशिश से क्या फर्क पडेगा। लड़की ने एक स्टार मछली को समुद्र में फेंकते कहा," इस मछली की जिंदगी में फर्क तो आ ही गया।"
सीख :- छोटे या बड़े स्तर पर हो,करूणा का महत्व होता ही है।