टिफिन पूरी तरह पोंछ कर खाने वाले एक बालक के, दोस्त मज़ाक उडाते थे... एक ने पुछा,'' तुम रोजाना टिफिन में एक कण भी क्यूँ नही छोड़ते ?*
*बालक ने बड़ा ही सुन्दर जवाब दिया...*
*''यह मेरे पिता के प्रति आदर है जो इसे मेहनत से कमाए रूपयों से खरीद कर लाते हैं और माँ के प्रति आदर है जो सुबह..जल्दी..बडे चाव..से इसे बनाती हैं। यह आदर उन किसानों के प्रति है जो खेतों में कड़ी मेहनत से इसे पैदा करते हैं।"*,