ये हकीकत 1971 की है जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी उस समय फिल्ड मार्शल माणेकशा आर्मी चीफ थे। इंदिराजी ने उन्हें पाकिस्तान पर चढाई करने का आदेश दिया...
माणेकशा ने कहा सैनिक तैयार हैे, पर योग्य समय पर युध्द करेंगे.
इंदिराजी ने ताबड़तोड़ चढाई करने का हुकूम दिया...परंतु, योग्य समय पर ही चढ़ाई करके सिर्फ १३ दिनों में पूर्व पाकिस्तान को बांगलादेश बना दिया...
उचित समय पर, माणेकशा इंदिराजी से बोले..."मै आपके राजकाज में दखल नही देता.. वैसे ही आप भी सैन्य कार्यवाही में दखल मत दीजिये"...
इस प्रकरण के पश्चात १९७३ के बाद माणेकशा का वेतन बंद कर दिया गया...
परंतु, इस खानदानी आदमी ने कभी अपने वेतन की मांग नही की...
२५ साल बाद जब वो हॉस्पिटल में थे तब एक दिन ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, राष्ट्रपति पद पर रहते उनसे मिलने गए... उस वक्त बातचीत के दौरान ये बात राष्ट्रपतिजी को पता चली कि जिस व्यक्ति ने अपने देश के लिए ५-५ युध्द लडे, उस योद्धा को १९७३ के बाद से वेतन ही नही दिया गया... तब उन्होंने तत्काल कार्यवाही करके उनकी शेष राशि का भुगतान लगभग १.३ करोड़ रुपये का चेक उनको भिजवाया...