ये कछुआ बहुत खुश है,क्योंकि ये आजाद हो गया,लेकिन इस मासूम को ये अंदाजा नहीं है आजादी के नाम पर इसने खो क्या दिया है?
कुछ ऐसी ही आजादी आज के युवा पीढी को चाहिए,आजादी अपनी संस्कारों से, संस्कृति से यहां तक कि अपने बड़ो से..
याद रखें,हमारी संस्कृति और संस्कार हमारा सुरक्षा कवच है..