"आजकल त्योहारों पर स्थानीय बाजारों में पहले केसी रौनक नही रहती"
कहने वालों आइये अपने बाजारों में लौट चले।
क्योंकि
नवरात्रों में प्राप्त चंदा :-
जौमेटो 0.00 ₹
स्वैगी 0.00 ₹,
पिज़्ज़ा हट 0.00 ₹,
डोमिनोज 0.00 ₹,
फ्लिपकार्ट 0.00 ₹,
एमेजॉन 0.00 ₹,
मिंत्रा 0.00 ₹,
स्नेपडील 0.00 ₹,
स्थानिक दुकानदार, हाथ ठेले वाले, चाय केंटीन वाले :- 51 ₹, 101 ₹, 201 ₹, 501 ₹, 1100 ₹, 2100 ₹, 5100 ₹ एवं 11000 ₹ भी।
वे स्थानिय व्यापारी और दुकानदार ही हैं, जो हमारी भारतीय संस्कृति को जीवित रखने एवं परंपरागत त्योहारों को मनाने में तन मन धन सहयोग देते हैं, ना कि ये विदेशी कंपनियां।
अभी भी समय है, संभल जाओ।
कोई भी वस्तु खरीदनी हो, तो स्थानीय व्यापरियों से ही खरीदो।
परिवार को साथ लेकर बाज़ारों मे निकलो, फिर देखो बाज़ारों और त्यौहारों की रौनक कैसे बढ़ती है।
हम लोग ही कहते हैं ना कि, त्यौहारों मे अब पहले जैसी रौनक एवं उत्साह नहीं रहा।
उसके उत्तरदायी हम स्वयं ही हैं।
बाज़ारों को और त्योहारों को रौनक हम सब मिलकर ही दें सकते हैं, कोई बाहर से नहीं आएगा।
आज से प्रण लें इस ऑनलाइन रूपी रावण को अपने जीवन से दूर भगाएं।
स्वदेशी अपनाएं। स्थानीय व्यापार को सशक्त बनाएं।
अपनों को सशक्त बनाएं।
“स्वदेशी अपनाओ
देश बचाओ”