आर्यभट्ट "डेढ़ लाख पचास हजार करोड़" और "पिछत्तीस" के सदमे से अभी उबरे भी नहीं थे कि पठ्ठे नें "ढाई हजार पांच सौ" का तीसरा सदमा दे दिया.... वैसे ये अलग बात है कि इनके चरणचाटू इन्हें कोई महत्व नहीं देते... नहीं विश्वास हो रहा है न! तस्वीर देख लीजिए....