*पैकेज छोड़ो ,मोदी की थकी आँख देखो और कल्पना करो पिछले दो महीने से ये प्रधान सेवक सोया होगा,ये मजदूर कोरोना से भी लड़ रहा था और टूट चुकी अर्थव्यवस्था की कड़ी को फिर से कैसे जोड़ना उस पर भी लगा था। मोदी की आंखों की थकान और चेहरे पर फिर से भारत को उठ खड़ा करने की बेचैनी बता रही है ,ये मजदूर मोदी न थकता है न रुकता है न बिकता है , मै भरोसे के साथ कहता हूं इस मजदूर मोदी के साथ डटकर खड़े रहो ये फिर से इस देश को आत्मनिर्भर बना कर रहेगा,टूट चुकी अर्थव्यवस्था के बावजूद 20 लाख करोड़ देश की जनता को दे देना ओर सपना ये की इस पैसे से फिर से भारत को उठ खड़ा करेंगे। अद्भुत हिम्मत साहस और समर्पण है। वाकई मोदी जैसा मजदूर प्रधनमंत्री पूरी दुनिया मे सिर्फ एक है और वो भारत के पास है। वाकई में भारत को आत्मनिर्भर होने से कोरोना तो क्या दुनिया की कोई ताकत नही रोक सकती। क्योंकि जहाँ नेतृत्व इतना समर्पित निस्वार्थ ओर मजदूर जैसा मेहनत करने वाला हो वहाँ की जनता अपने मजदूर सेनापति का साथ ओर विश्वास नही तोड़ती ।*
*मोदी देश के साथ ओर देश मोदी के साथ।*
*भारत फिर दौड़ेगा।*
*#साभार#*