shashikant pandey's Album: Wall Photos

Photo 234 of 3,072 in Wall Photos

किरीटहारकुण्डलं प्रदीप्तबाहुभूषणं
प्रचण्डरत्नकंकणं प्रशोभिताङ्घ्रियष्टिकम् ।
प्रभातसूर्यसुन्दराम्बरद्वयप्रधारिणं
सरत्नहेमनूपुरप्रशोभिताङ्घ्रिपंकजम् ।।
(श्रीगणपतिस्तोत्रम् 2)
अर्थ-
'जो किरीट,हार और कुण्डलके साथ उद्दीप्त बाहुभूषण धारण करते हैं;चमकीले रत्नों का कंगन पहनते हैं;जिनके दण्डोपम चरण अत्यंत शोभाशाली हैं;जो प्रभातकालके सूर्यके समान सुंदर और लाल दो वस्त्र धारण करते हैं तथा जिनके युगल चरणारविंद रत्नजटित सुवर्णनिर्मित नूपुरों से सुशोभित हैं,उन गणेशजी का मैं भजन करता हूँ।'
प्रथमपूज्य श्रीगणेशजी की कृपासे आपका दिन मङ्गलमय हो