जगत्प्रभुं देवदेवमनन्तं पुरुषोत्तमम्
स्तुवन्नामसहेस्त्रेण पुरुष: सततोत्थित: ।
अनादिनिधनं विष्णुं सर्वलोकमहेश्वरम्
लोकाध्यक्षं स्तुवन्नित्यं सर्वदु:खादिगोभवेत्।।
अर्थ-
" मनुष्य प्रतिदिन उठकर सारे जगत् के स्वामी,देवताओं के देवता,अनन्त पुरुषोत्तमकी सहस्त्र नामों से स्तुति करे।सारे लोकके महेश्वर,लोकके अध्यक्ष(अर्थात शासन करने वाले),सर्वलोकमें व्यापक विष्णुकी,जो न कभी जन्में हैं,न जिनका कभी मरण होगा,नित्य स्तुति करता हुआ मनुष्य सभी दु:खों से मुक्त हो जाता है।"
भगवान श्रीहरिकी कृपासे आपका दिन मङ्गलमय हो