कर्त्तारं सर्वदु:खानां दुष्टानां भयवर्धनम्
मृत्युंजयं महाकालं नमस्यामि शनैश्चरम् ।
हर्त्तारं ग्रहजातानां फलानामघकारिणाम्
मृत्यंजयं महाकालं नमस्यामि शनैश्चरम् ।।
(महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्रम् 74-75)
अर्थ-
"सब दु:खों के करनेवाले दुष्टों को भयवर्धन करने वाले मृत्युंजय शनैश्चर को नमस्कार करता हूँ।ग्रह वालों के दाता फलों के अपकारी मृत्युंजय महाकाल शनैश्चर को नमन करूंगा।"
भगवान शनिदेव की कृपासे आपका दिन मङ्गलमय हो