आप सभी को शारदीय नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें।
माँ भगवती की कृपा आप एवं आपके परिवार पर सदैव बनी रहे व माता रानी आपके सभी मनोरथ पूर्ण करें।
नवरात्रि में दुर्गा पूजा के दौरान सबसे पहले शैलपुत्री की ही उपासना की जाती है। हिमालय के यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण वह शैलपुत्री हुईं। वृषभ शैलपुत्री का वाहन है, इसलिए इन्हें वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। शैलपुत्री को प्रथम दुर्गा कहा जाता है और सती के नाम से भी जानी जाती हैं।
उपासना मंत्र -
वन्दे वांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम।।