*आज सप्तम नवरात्र के दर्शन:- श्री ब्राह्मणी माताजी चित्तौड़गढ़ श्रिंगार लाल पारम्परिक चुनर पिली पिछवाई स्वर्ण आभूषण सुन्दर पुष्प चन्दन तिलक केवड़ा ईत्र गूगल धूप बहुत सुगंधित जॉर्डन अगरबत्ती अर्पित*
धोबी मैले कपङे धोता धोबी मैले कपङे धोता
मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्रह्माणी मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्राह्मणी
मालिन बन के तू धरती पे बीज ज्ञान के बोयेगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी
धोबी मैले कपङे धोता धोबी मैले कपङे धोता...
गंगा युमना सरस्वती भी तेरे ही तो नाम माँ
आठो पैर माँ क्षुधा लुटाना तेरा अदभुत काम माँ
मूङ गवांर नादानो को तू विद्वान बना देती
तेरी मौज बबुल के भी मीठ्ठे आम लगा देती
तु है पार लगाने वाली नैया नही डुबोयेगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी
धोबी मैले कपङे धोता धोबी मैले कपङे धोता
मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्रह्माणी मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्राह्मणी
धोबी मैले कपङे धोता पहले दिन तू धोयेगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी...
तेरा नाम हैै मानसरोवर सभी देवता कहते है
श्रद्धा लगन के हंस भवानी यहाँ पे मोती चुनते है
कामधेनु है पास तुमहारे जग को दूध पिलाती माँ
तेरी कृपामयी से नजर से तर गई पापी दुनिया माँ
अब भी मेरे लिऐ तु माता ममता पुष्प पिरोऐगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी
धोबी मैले कपङे धोता धोबी मैले कपङे धोता
धोबी मैले कपङे धोता धोबी मैले कपङे धोता...
जो भी भक्त तेरी भक्ती करते तुम्हे ना कभी भुलाते है
उनकी कुटीया की जगह पर शीश महल बन जाते है
गजु को भी माँ तुझ पर भरोसा मेरी भी बिगङी बना दोगी
कभी भटकने ना दोगी मजिंल तक पहुचा दोगी
व्याकुल बच्चा जब तक जागे तू भी माँ न सोयेगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी
धोबी मैले कपङे धोता धोबी मैले कपङे धोता
मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्रह्माणी मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्राह्मणी
धोबी मैले कपङे धोता मैले दिन तू धोयेगी माँ ब्राह्मणी
मालिन बन के तू धरती पे बीज ज्ञान के बोयेगी
मेरी चौरासी कट जायेगी दया तेरी जब होयेगी