अगर हम वाकई सच्चे दिल से मालिक को प्यार करते हैं तो दुनियां के तानो और निन्दाओं की चिन्ता क्यों ?
हमें किसी भी प्रकार की कोई चिन्ता नहीं करनी चाहिए। हमें फर्क नहीं पडना चाहिए कि कोई हमारी तारिफ करें या बुराई।
फर्क सिर्फ इतना पडना चाहिए कि क्या हम अपने मालिक की रजा में रहने की कोशिश कर रहें है या नहीं।
क्या हम मालिक को उसके हिस्से का समय दे भी रहे है या नहीं ।