!! #जय_लक्ष्मी_मैया_जी !!
!!#शुभ_शुक्रवार_वन्दन!!
"#भगवान_विष्णु की जीवन संगिनी #महा-देवी लक्ष्मी, सत्व गुण से सम्बद्ध #वैष्णवी शक्ति, जल तथा जल से सम्बंधित नाना तत्वों से सम्बंधित।"
#महा-देवी महा-लक्ष्मी! धन, संपत्ति, वैभव तथा सुख के अधिष्ठात्री देवी हैं। जगत पालन कर्ता श्री हरी विष्णु की पत्नी होने के कारण देवी लक्ष्मी सत्व गुण सम्पन्न तथा जगत पालन कार्य से सम्बद्ध हैं। देवी लक्ष्मी! भगवान विष्णु की वैष्णवी शक्ति हैं तथा उन्हीं से प्रेरित होकर वे जगत पालन कार्य में संलग्न रहती हैं। भगवान हरि सर्वदा क्षीर सागर स्थित शेष नाग की शैया पर योग-निद्रा या ध्यान मग्न रहते हुए आपने समस्त कर्तव्यों का पालन करते हैं, साथ ही देवी महा-लक्ष्मी आपने पति कि सेवा-जतन में मग्न रहती हैं।
जल तथा जल से सम्बंधित तत्व भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी जी दोनों को अति प्रिय हैं, विशेषकर समुद्र; समुद्र में अनगिनत प्रकार के अमूल्य रत्न जैसे मुक्ता या मोती, कौड़ी, प्रवाल (मूंगा) इत्यादि पाये जाते हैं, समस्त प्रकार के रत्नों की देवी लक्ष्मी अधिष्ठात्री हैं। प्राचीन काल में रत्नों से ही व्यापार, क्रय-विकार, व्यापार इत्यादि का कार्य होता था, आज के समय में केवल वह माध्यम बदल गया हैं; आदि काल से रत्न-धातु मनुष्य के वैभवता, संपन्नता का प्रतीक हैं।
लक्ष्मी जी! कमल या पद्म पुष्प प्रिया हैं, वे अधिकतर कमल के ही आसन पर विराजमान रहती हैं। समुद्र से देवी के प्रादुर्भाव पश्चात कमला नाम से देवी विख्यात हुई, देवी पद्म या कमल पुष्प के सामान ही दिव्य हैं। पद्म या कमल पुष्प हिन्दू, बौद्ध तथा जैन धर्म में अत्यंत पवित्र तथा महत्त्वपूर्ण हैं; क्योंकि कमल पुष्प कीचड़ या मैले स्थान में उगता हैं, परन्तु कीचड़ या मैलापन का पुष्प पर कोई प्रभाव नहीं होता, पुष्प सर्वदा ही स्वच्छ, निर्मल तथा आपनी दिव्य कांति युक्त रहता हैं। कमल दर्शाता हैं! हम जैसे भी रहे, जहाँ भी रहे, परिस्थितियां विपरीत ही क्यों न हो, हमें आपने अन्तः कारण को सर्वदा निर्मल तथा पवित्र रखना चाहिए। इसी कारण पद्म या कमल पुष्प, हिन्दू, बौध तथा जैन धर्म में एक विशेष स्थान पर अवस्थित हैं।
#लक्ष्मी शब्द दो शब्दों के मेल से बना हैं, एक 'लक्ष्य' तथा दूसरा 'मी'; लक्ष्य तक ले जाने वाली देवी लक्ष्मी! इनकी कृपा के बिना कोई भी आपने लक्ष्य को नहीं भेद पाया या पहुँच सकता हैं। देवी, सत्व गुणी देवियों में सर्वोच्च पद पर अधीन हैं तथा वैष्णव संप्रदाय से सम्बद्ध हैं; देवी का वाहन उल्लू पक्षी हैं।