जय माँ
सत्य को पहचानों यदि कोई मनुष्य यह सोचता है कि वो कोई चमत्कार कर सकता है तो यह उसका भ्रम मात्र है। वो माध्यम मात्र है कर्ता तो कोई और है। ठीक उसी प्रकार जैसे कोई कठपुतली स्वयं से नृत्य नहीं कर सकती उसका संचालन किसी अन्य सत्ता से होता है।
इसी प्रकार कार्य और कारण के अनुरूप परमात्मा ही शक्तिविलासानन्द हेतु समग्र सृष्टि को संचालित करता है