नमो नमो भूतमयाय तेSस्तु
नमो नमो भूतकृते सुरेश ।
नमो नम: सर्वधियां प्रबोध
नमो नमो विश्वलयोद्भवाय ।।
(श्रीसंकटनाशनगणेशस्तोत्रम् 2)
अर्थ-
" आप समस्त प्राणिमय हैं;आपको नमस्कार है,नमस्कार है।हे सुरेश!आप भूत-सृष्टिके कर्ता और संहारक हैं;आपको नमस्कार है,नमस्कार है।आप समस्त बुद्धियों के प्रबोधरूप हैं,संसारकी उत्पत्ति एवं लय करनेवाले हैं;आपको नमस्कार है,नमस्कार है।"
पवित्र श्रावण मास के प्रथम दिवस पर आप सभी को कोटिश:बधाई