shashikant pandey's Album: Wall Photos

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नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में करती नहीं विलम्ब ।।

जय जय जय विन्ध्याचल रानी । आदि शक्ति जग विदित भवानी ।।

सिंहवाहिनी जय जग माता । जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता ।।

कष्ट निवारिणि जय जग देवी । जय जय जय असुरासुर सेवी ।।

महिमा अमित अपार तुम्हारी । शेष सहस मुख वर्णत हारी । ।

दीनन के दुख हरत भवानी । नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी ।।

सब कर मनसा पुरवत माता । महिमा अमित जगत विख्याता ।।

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे । सो तुरतहि वांछित फल पावे ।।

तु ही वैष्णवी तुही रुद्राणी । तुही शारदा अरु ब्रहमाणी ।।

रमा राधिका श्यामा काली । तुही मात सन्तन प्रतिपाली ।।

उमा माधवी चण्डी ज्वाला । वेगि मोहि पर होहु दयाला ।।

तुही हिंगलाज महारानी । तुही शीतला अरु विज्ञानी ।।

दुर्गा दुर्ग विनाशिनि माता । तुही लक्ष्मी जग सुखदाता ।।

तुही जान्हवी अरु इन्द्राणी । हेमावती अम्ब निर्वाणी ।।

अष्टभुजी वाराहिनि देवी । करत विष्णु शिव जाकर सेवी ।।

पाटन मुम्बा दन्त कुमारी । भद्रकाली सुन विनय हमारी ।।

वज्रधारिणी शोक विनाशिनी । आयु रक्षिणी विन्ध्यनिवासिनी ।।

जया और विजया बैताली । मातु सुगन्धा अरु विकराली ।।

नाम अनन्त तुम्हार भवानी । बरनै किमि मानुष अज्ञानी ।।

जा पर कृपा मातु तव होई । तो वह करै चहै मन जोई ।।

कृपा करहु मो पर महारानी । सिद्घ करहु अम्बे मम बानी ।।

जो नर धरै मातु कर ध्याना । ताकर सदा होय कल्याना ।।

विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै । जो देवी का जाप करावै ।।

जो नर कहं ऋण होय अपारा । सो नर पाठ करै शत बारा ।।

निश्चय ऋण मोचन होई जाई । जो नर पाठ करै मन लाई ।।

अस्तुति जो नर पढ़े पढ़ावै । या जग में सो अति सुख पावै ।।

जाको व्याधि सतावै भाई । जाप करत सब दूरि पराई ।।

जो नर अति बन्दी महं होई । बार हजार पाठ कर सोई ।।

निश्चय बन्दी ते छुटि जाई । सत्य वचन मम मानहु भाई ।।

जा पर जो कछु संकट होई । निश्चय देविहिं सुमिरै सोई ।।

जो नर पुत्र होय नहि भाई । सो नर या विधि करे उपाई ।।

पाँच वर्ष सो पाठ करावै । नौरातर में विप्र जिमावै ।।

निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी । पुत्र देहि ता कहं गुणखानी ।।

ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै । विधि समेत पूजन करवावै ।।

नितप्रति पाठ करै मन लाई । प्रेम सहित नहिं आन उपाई ।।

यह श्री विन्ध्याचल चालीसा । रंक पढ़त होवे अवनीसा ।।

यह जनि अचरज मानहुं भाई । कृपा दृष्टि ता पर होइ जाई ।।

जय जय जय जगमातु भवानी । कृपा करहुं मोहि निज जन जानी ।।