मैं खुद से ही लड़ती हु और हारती हु
तुझे प्यार करती हु तुझे ही छुपती हु
तेरे ख्यालो में रहती हु तेरी आवोहवा में जीती हु
हर बार सोचती हु तुम्हें न चाहु पर तुम पर मरती हु
मैं खुद से ही लड़ती हु और तुम पर ही मरती हु
तुम रहते हो खयालो में मेरे तुम ही मेरे ख्वाव सजाते हो
तुम से शुरू होते दिन मेरे पूरा दिन तुम ही तो साथ रहते हो
तुम से शुरू होती मेरी बाते और तुम पर ख़त्म हो जाती है
पास नहीं हो फिर तुम सदा साथ होते हो
मैं खुद से ही लड़ती हु और तुम पर ही मरती हु
तुम्हारा दीदार तुम्हारी तस्वीर से होता है
तुम्हारा प्यार मेरा होगा ये एक धोखा है
फिर भी सुबह शाम इंतज़ार तुम्हारा होता है
तुम्हें चाहना और चाहते ही जाना बस यही काम हमारा होता है
मैं खुद से ही लड़ती हु और तुम पर ही मरती हु
तुम्हें समेटा रखा है यु खयालो में
तुम आ जाओ एक बार मेरी बाहों में
तुम तुम न रहो हम हम न रहे
बस निगाहो की बाते निगाहे करे
मैं खुद से ही लड़ती हु और तुम पर ही मरती हु
अधूरे अरमान पुरे हो जायेगे
जब मैं और तुम मिल जायगे
नए सृजन का बीजारोपण हो जायेगा
प्रेम की परिभाषा का हर शब्द सार्थक हो जायेगा