कही पड़े सर तो, कही धड़ पड़े थे!
फिर भी मेरी सेना के, हौसले बुलंद थे !
छाया मातम शहीदों, के घरो में था!
पर उनके बाकि साथी, देश सेवा में विलीन थे !
सेना का जवान देश, हिफ़ाजत में खड़ा था !
कुछ गद्दार राजनेता, बयान बाजी में लगे थे !
बदलो देश बंद लोगो, ने किया
पर क्यू नहीं गद्दार राजनेता का बहिष्कार किया !
देश मेरा सेना मेरी, रोती मेरी आँखे हैं !
ममता अरविंद गाँधी, यादव माया के क्यू मुँह बंद हैं !
बदला लेना होगा तुमको, हम देश वासी साथ हैं !
मोदी भक्त बोलना हैं ,तो बोल लो
पर हम सेना के साथ हैं !
जय सेना जय हिन्द , यही पुकार चाहु ओर हैं !
हिन्द कि सेना अमर रहे, यही दुआ उठती हर ओर हैं !
यही दुआ उठती हर ओर हैं.....
अनुपमा जैन