नर मादा के गहरे मिलन से ही अस्तित्व संभव है।
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सोचो जरा!
क्या बिना गहरे मिलन के, बिना गहरे संभोग के किसी का अस्तित्व संभव है ?
राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध, कबीर, नानक, मोहम्मद कैसे पैदा हुए ?
इनके माँ बाप का मिलन, केवल वासना मात्र नही था! वो था एक अद्भुत प्रेम मिलन !
आज के बच्चे बिना प्रेम के पैदा हो रहे है, हर पुरूष स्त्री एक दूसरे को सेक्स की मशीन समझ रहे है!
जब तक दोनों में प्रेम पैदा नही होगा, तब तक सिर्फ शारीरिक मिलन ही संभव है। जब तक वासना रहेगी तब तक प्रेम पूर्वक मिलन हो ही नही सकता, और जहां प्रेम नही वहां कैसे उम्मीद कर सकते है कि फिर से राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, कबीर, नानक, मोहम्मद पैदा होंगे!
उलटा इससे बुद्धू जरूर पैदा होंगे! तभी तो बच्चे मानसिक रूप से बीमार, अपंग, पागल पैदा हो रहे है।
अगर अभी भी सेक्स पे ध्यान नही दिया गया तो 21 वीं सदी के अन्त तक दुनीया में 40% से ज्यादा आबादी समलैंगिक हो जायेगी,
किन्नर पैदा होंगे, और लोगो का सेक्स भी प्राकृतिक नही रहेगा, 60% आबादी आज सेक्स से सम्बन्धित बीमारियों से पीड़ित है, ऐसा क्यों हो रहा है ?
सेक्स को समझने की कोशिश नही करने के कारण ही आज मानव जाति में इतना तनाव, हिंसा, आतंकवाद हो रहा है। यहाँ तक की 90% पागल होने वाले लोगो का कारण सेक्स ही है।
क्या दुनिया को सेक्स को समझने की जरूरत नही है?
सब लोग हां ही बोलेंगे! लेकीन सब बड़े छोटो से छुपा रहे हैं, माँ बाप अपने बच्चों के सामने सेक्स की बात करने से डरते हैं, यहाँ तक की लोग तो अपने बच्चों को प्यार करने से भी डरते है, इतना डरते है कि ज्यादा प्यार से बाप बेटी, माँ बेटे, भाई बहन के सम्बन्ध खराब ना हों जाये, बाप बेटे की मर्यादा ना खत्म हो जाये!
अजीब प्रकार के मनुष्य हो गए है, इन सबका एक मात्र कारण है, सेक्स और अब तो सेक्स भी सेक्स नही रहा! वो भी नकली हो गया है, शारीरिक सेक्स कम होता जा रहा है, मानसिक सेक्स ज्यादा हो रहा है, मन में सेक्स चल रहा है
लेकिन तन सेक्स के योग्य नही रहा, ऐसा क्यों हो रहा है?
कभी सोचा आपने?
लोग पोर्न देख रहे है, सेक्स की कहानियां पढ़ रहे है, हस्तमैथुन कर रहे है,
आज 95% आबादी हस्तमैथुन करती है।
80 साल के बूढ़े 20 साल की लड़की से शादी कर रहे है।
आये दिन आप पढ़ते ही होंगे लोग जानवरो से भी सेक्स कर रहे है,
मनुष्य के सिवा कोई भी दूसरी प्रजाती ऐसा नही कर रही है,
बकरी को देख कर भैंसे के मन में सेक्स का ख्याल नही आता,
लेकिन इंसान तो ये भी कर रहे हैं।
यूरोपीय देशो में तो लोग जानवरो से शादी तक कर रहे है।
शादीशुदा लोग हस्तमैथुन कर रहे है,
ये सब सेक्स को गन्दा समझने, मानने और दबाने के कारण हो रहा है।
जबकि इसके बिना जीवन संभव नहीं है।
लेकिन कोई इसे समझने, जानने और मानने को राजी नहीं हैं।
इसलिए मैं कहता हूँ! सेक्स से डरो नही, इसे समझो! ये भी जीवन का हिस्सा है। अस्तित्व का आरम्भ है, आंनद का महासागर है। बस एक डुबकी गहरे में लगानी है! लेकिन वासना में नही, प्रेम में !
!! ओशो !!
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