बेख़बर, बेहोश
॰
वो पहाड़ पर रखा हुआ पत्थर
आपने साथ वाले पत्थर से मुझे देखकर क्या कहता होगा?
लो आ गया मुसाफ़िर अपनी रूह की सौदेबाज़ी करने
कुछ हिस्से ले जाने कुछ हिस्से छोड़ जाने
॰
बर्फ़ की चादर में लिपटा हुआ आलम
बहती ठंडी हवाओं से मुझे देख कर क्या कहता होगा?
लो आ गया फ़नकार अपनी ज़हनत की सौदेबाज़ी करने
कुछ दास्ताँ लिख जाने कुछ दास्ताँ बेज़ार कर जाने।
॰
बेख़बर, बेहोश।