Sudarsh Yadav's Album: Wall Photos

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बेख़बर, बेहोश

वो पहाड़ पर रखा हुआ पत्थर
आपने साथ वाले पत्थर से मुझे देखकर क्या कहता होगा?
लो आ गया मुसाफ़िर अपनी रूह की सौदेबाज़ी करने
कुछ हिस्से ले जाने कुछ हिस्से छोड़ जाने

बर्फ़ की चादर में लिपटा हुआ आलम
बहती ठंडी हवाओं से मुझे देख कर क्या कहता होगा?
लो आ गया फ़नकार अपनी ज़हनत की सौदेबाज़ी करने
कुछ दास्ताँ लिख जाने कुछ दास्ताँ बेज़ार कर जाने।

बेख़बर, बेहोश।