बॉब वाईलेंड एक पेशेवर बेसबॉल खिलाड़ी थे। लेकिन वियतनाम में युद्ध छिड़ने पर उनको वहां भेजा गया सेना ने भर्ती करके। युद्ध मे अपने साथी को बचाने के चक्कर मे तोप का गोला उनके दोनों पैरों पर आ गिरा और बॉब ने अपने दोनों पैर खो दिए। अब बॉब या तो दोनों पैरों को खोने का रोना रोते या फिर वो आने वाली नई चुनोतियो को स्वीकार करते। तो बॉब ने दूसरा रास्ता चुना।
बॉब ने 26 मील की मैराथन दौड़ने की चुनोती को स्वीकार किया। जब वो जीत गए बिना पैरों के केवल हाथों से चलकर , और उस वक़्त लोगो ने देखा उनके हाथों से खून बह रहा था , जगह जगह घाव हो गए थे।
जब लोगो ने बॉब से पूंछा आपको दर्द नही हुआ इतनी पीड़ा में आप कैसे दौड़ते रहे तो बॉब ने कहा " जब आप अपनी संभावनाओं से नज़र हटाते हो तो आपकीं नज़र समस्याओं पर आ टिकती है और समस्याये कभी आपको अपना लक्ष्य पूरा नही करने देती लेकिन मैने संभावनाओं पर नज़र रखी तो न तो मुझे दर्द का अहसास हुआ और ना ही हार जाने का डर सताया। "