Ejaz Akhter's Album: Wall Photos

Photo 52 of 132 in Wall Photos

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला डिग्री कॉलेज में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी वीभत्स घटना शुक्रवार को हुई। कॉलेज के चार सीनियर छात्रों ने प्रथम वर्ष की छात्रा को कॉलेज से उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और मरणासन्न हालत में सड़क किनारे फेक दिया। इस मामले की चर्चा पूरे हिमाचल में लोगों की जुबान पर है लेकिन निर्भया कांड पर दस-दस पेज के सप्लीमेंट छापने वाले प्रिंट मीडिया में एक सिंगल कॉलम खबर तक नहीं है। हिमाचल से छपने वाले अखबार हिमाचल दस्तक ने अपनी वेबसाइट पर खबर लगा दी, लेकिन मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते अगले कुछ ही घंटो में खबर बेवसाइट से हट गई। कॉलेज के छात्रों से मिल रही खबर के अनुसार छात्रा की हालत बेहद नाजुक है। हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए दरिंदों ने छात्रा के यूट्रस तक को बाहर निकाल दिया है। कॉलेज प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन तक इस मामले से ही इनकार कर रहा है। छात्रा को इलाज के लिए हिमाचल से बाहर कहां भेजा गया है इसकी जानकारी तक किसी को नहीं है। कॉलेज छात्र दबी जुबान में बताते हैं कि चारों आरोपी काफी समय से छात्रा को परेशान कर रहे थे जिससे तंग आकर शुक्रवार को छात्रा ने अपनी बहन के साथ कॉलेज के प्राचार्य से शिकायत की थी, जिसके बाद आरोपियों ने शाम को इस घटना को अंजाम दिया। सवाल यह है कि एक बलात्कार दिल्ली में होता तो अखबार क्रांति छापने लगते हैं, फेमनिस्ट एंकर की जुबान आग उगलने लगती है, मोमबत्तियां लिए लोग सड़कों पर उतर आते हैं, ऐसा आंदोलन होता है मानो देश एक बार फिर गुलाम है और जनता आजादी के लिए सड़कों पर है, आनन-फानन में जांच कमेटियां बैठा दी जाती हैं, संसद में निर्भया बिल आ जाता है, इसलिए क्योंकि वहां पर बलात्कारी किसी मंत्री के बेटे नहीं बस ड्राइवर थे, जगह राजधानी थी कोई गांव, कस्बा या धर्मशाला जैसा छोटा शहर नहीं। मामला जैसे ही हाईप्रोफाइल होता है मीडिया अपनी दुम बचाकर न जाने किस बिल में छिप जाता है। ये कौन से संपादक हैं जो इस मामले में एक सिंगल कॉलम खबर तक छापने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। मैं नहीं जानता यह राष्ट्रीय मुद्दा होना चाहिए या क्षेत्रीय, लेकिन किसी के साथ अन्याय हुआ है, क्या उसके हक की, उसको न्याय दिलाने के लिए आवाज मीडिया को नहीं उठानी चाहिए। यहां के अखबारों ने जिस प्रकार से चुप्पी साधी है वह यहां के संपादकों और पत्रकारों के पुरुषार्थ पर सवाल खड़ा कर रहा है। “सभी फेसबुक मेम्बर्स से निवेदन है कि आप सब इस एवँ इस प्रकार की पोस्टस को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे हमेशा पिडित पर्सन को न्याय मिलने की सम्भावना हो सके।वैसे तो आप सब कुछ ना कुछ शेयर करते रहते हैं पर इस प्रकार के पोस्टस को सोशल साइट्स पर शेयर अवश्य करें, क्या पता आपके 1 शेयर से किसी की मदद,सहायत,भला या जिंदगी बच जाए। क्या मलुम कल आप ही उस व्यक्ति की जगह पर हों। तो आप लोगों से आग्रह है कि शोशल साईट्स पर शेयर कर के मदद करने की अपनी आदत बना लें, क्यों कि इसमें आपकी कोई लागत नही है बल्कि किसी की मदद ही होगी।