हमारा अनुशासन भी सेना जैसा, संघ के स्वयंसेवक सीमा पर सैनिको की तरह लड़ने के लिए तैयार, जरूरत पड़ी और कानून व संविधान ने इजाज़त दी तो 3 दिन में सीमा पर पहुच जाएंगे : प. पू. सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी
देश के लिए यह सर्वोच्च सेवा है, आज स्वयंसेवकों के लिए जीवन का सबसे बड़ा दिन होना चाहिए, आज हर स्वयंसेवक का सीना 56 इंच का हो गया होगा, ये जज़्बा सिर्फ और सिर्फ संघ में है, ज़बरदस्त, कड़क, बेबाक और आज तक का संघ का सबसे बेहतरीन बयान, धन्यवाद RSS, गर्व है, अभिमान है