इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2018) को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
इसकी वजह यह है कि महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होती है.
इस साल 13 जनवरी को पूरे दिन त्रयोदशी है और मध्यरात्रि में 11 बजकर 35 मिनट से चतुर्दशी शुरू होगी.
जबकि 14 फरवरी को पूरे दिन और रात 12 बजकर 47 मिनट तक चतुर्दशी होगा.* ऐसे में लोगों के बीच असमंजस है कि महाशिवरात्रि का व्रत 13 फरवरी को रखा जाए या 14 फरवरी को.
इस असमंजस को दूर करने के लिए धर्मसिंधु नामक ग्रंथ का सहारा लिया, जिसमें कहा गया है कि ऐसे हालात के लिए कहा गया है :
_'परेद्युर्निशीथैकदेश-व्याप्तौ पूर्वेद्युः सम्पूर्णतद्व्याप्तौ पूर्वैव..'._
इन पंक्तियों का अर्थ समझें तो कहा गया है कि : अगर चतुर्दशी दूसरे दिन निशीथ काल में कुछ समय के लिए हो और पहले दिन संपूर्ण भाग में हो तो पहले दिन ही महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिए.
यानी इस बार 13 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखें.