जय जिनेन्द्र दशॅन करते हैं अतिशय क्षेत्र बिजोलिया
के महाअतिशयकारी श्री पारसनाथ प्रभु के और सूर्य ग्रह के अरिषट निवारक श्री पद्म प्रभु के इन दोनों तीर्थंकरो को मन से वचन से काया से बारम्बार कोटि कोटि प्रणाम ऊं ह्री अंह श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नमो नमः