ravindra jain's Album: Wall Photos

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एक नेत्र विहीन लड़की हमेशा इस सोच
में डूबी रहती थी की कोई मुझे प्यार
करेगा की नहीं...? मुझे किसी का स्नेह
मिलेगा की नहीं..?? एक बार राह
चलते चलते वह कहीं गिर पड़ी..उसे एक
लड़के ने उठाया सहारा दिया और उसे
लेकर उसकी घर की तरफ चल पड़ा..इस
दरम्यान उनके मध्य बहुत सी बातें
होती है..घर छोड़ते वक्त
लड़का लड़की से कहता है अगर मैं
तुम्हारी ज़िन्दगी का हिस्सा बनना चाहूँ
तो क्या तुम स्वीकार करोगी..?? मैं
तुम्हे बहुत स्नेह दूंगा और बहुत प्यार से
रखूँगा..
बाइस-बाइस साल से लड़की जिस
दो शब्द
को वो सुनना चाहती थी वो शब्द इस
लड़के से सुन बरबस उसकी आँखों में आंसू
आ गए..और कहा ये जानते हुए
भी की मेरी आँखें नहीं हैं..फिर भी.??
लड़के ने कहा : हाँ मैं तुम्हारे व्यक्तित्व
को और तुम्हारे अस्तित्व चाहने
लगा हूँ....
इस पर लड़की रोने लगी और बोली :
''कोई बात नहीं दोस्त, तुमने मुझे
पहली बार प्रेम का अहसास कराया है.
मैं तुम्हारी मोहब्बत को स्वीकार
तो नहीं कर सकती पर क्या तुम एक
काम कर सकते हो''..??
लड़के ने कहा : क्या..??
लड़की ने कहा : क्या तुम मुझे अपना एक
फोटो दे सकते हो..??
लड़के ने कहा : हाँ जरुर दे सकता हूँ.
लड़की ने कहा : उस फोटो के पीछे अपने
घर का पता जरुर लिख देना, कभी मुझे
किसी की आँखें दान मिलती हैं
तो आँखों को पट्टी खोल कर पहले
तुम्हारा ही फोटो देखूंगी,
क्योंकि तुमने मुझसे मोहब्बत
की है,प्यार किया है
लड़के ने अपना फोटो दिया और पीछे
अपना पता भी लिख दिया,और चल
गया...इस बात को हुए तीन चार वर्ष
बीत गए...
फिर एक दिन लड़की को नेत्र दान से
आँखें मिली.
लड़की को आँखों की रौशनी मिलने के
बाद उसकी आँखों की पट्टी खोलने से
पहले उसने अपने पर्स से लड़के
का फोटो निकाला और
कहा यही''यह पहला व्यक्ति है जिसने
मुझे प्रेम किया था''...
मित्रों विधि का विधान
कहो या लड़की का नसीब या लड़के
का बदनसीब
कहो...लड़का थोडा काला था और
सुन्दर भी नहीं था...लड़की ने लड़के
का चेहरा देखा और विस्मय से''अरेरेरे !!
इस लड़के ने मुझे प्यार किया''.? और
फिर अपना चेहरा आईने में देखा''मैं
तो कितनी सुन्दर हूँ''सुंदर
तो वो थी ही और अब तो आँखें भी आ
गयी थीं..फिर लड़की ने सोचा मुझे
तो इससे और अच्छे लड़के मिल सकते हैं..
फिर लड़की ने पेन और कागज़
लिया और लड़के को ख़त लिखा...
''दोस्त, मैंने तेरा फोटो देखा मुझे
किसी ने आँखें दान दी है तोअब मैं
दुनिया देख सकती हूँ ..पर एक बात
कहना चाहुनी की तुम्हारी और
मेरी जोड़ी नहीं जम सकती. इसलिए
प्लीज़ मुझे भूल जाना और किसी और
लड़की से शादी कर लेना''...
लड़की को उसके ख़त का जवाब कुछ दस
दिन बाद मिला..लड़के ने
लिखा था''धन्यवाद, तुम्हें आँखें मिल
गयी यह जान कर बहुत आनंद हुआ,
तुम्हारी और मेरी जोड़ी भले ही न जम
सकी हो..मैं कहीं और शादी भी कर
लूँगा..और तुझे भूल भी जाऊंगा..
''पर तुम मेरी आँखों को संभाल कर
रखना''इसे प्रेम कहते हैं दोस्त, मैंने
ही तुझे अपनी आँखें दान की है..उन
आँखों को संभालना..मेरे पास अब
अपनी आँखें नहीं हैं...मुझेअब
तुम्हारी आँखों से
ही दुनिया देखनी है''...
''जिसे चाहते हैं वो मिल
नहीं सकता,और जो मिलता है उसे चाह
नहीं सकते...इसलिए ज़िन्दगी में
कहीं भी कभी भी प्रेम की झलक मिल
जाए तो कुदरत का आभार मानना''.

Admin abhishek jain