पायल शर्मा's Album: Wall Photos

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समझ नहीं आता कि कुछ बॉयज को क्या मिलता है जो वो इनबॉक्स में जबरिया एंट्री मारते है और बदले में गाली पूरी पुरूष कौम खाती है......
समझ नहीं आता कि ये बॉयज कौन सी बेशर्मी वाली माला पहनते है जो इतना इग्नोर करने के बावजूद भी..... हे एंजल , हे स्वीटी , हे बाबू , हे सोना... का जाप किया करते है ....
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'खाना खाया की नहीं पायल' , अच्छा मैंने नहीं खाया होगा तो क्या डोमिनोज़ का पिज्जा भिजवा दोगे...... और तुम होते कौन हो ये सब पूछने वाले?......'पायल आज तुम बहुत ब्यूटीफुल लग रही हो प्रोफाइल पिक में '....... अरे भाई !! तुम कोई मिस यूनिवर्स की प्रतियोगिता के जज हो , जो खूबसूरती को प्रमाणित कर रहे हो।
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और अगर कुछ लोगो को एकाध बार जवाब दे दो तो वो जरूरत से ज्यादा ही केअर करने लगते है।'.....पायल, ध्यान से कार चलाना , बहुत भीड़ रहती है हॉस्टल वाले चौराहे पर।'..... क्यों भाई !! क्या तुम ट्रैफिक हवलदार हो...... या यातायात जागरूकता फैलाने वाले एनजीओ से हो..... जो केवल गर्ल्स को गुणा-गणित समझा रहे हो।
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पायल...आप बहुत सुंदर है , इसलिए आप मुझसे बात नहीं करती ना ।'..... अरे प्यार की खैरात बंट रही है क्या .....जो भगवान के नाम पर एकाध प्यार के चिल्लर तुम पर भी न्यौछावर कर दिए जाये।
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'गुड मॉर्निंग , गुड इवनिंग , गुड नाईट' का रट्टा लगाये रहते हो ? क्या इनबुकर ने तुमको इनबुक के रिसेप्सशन पर बिठा रखा है , जो तुम हर आने जाने वाले को ग्रीट किया करते हो...... या फिर कनॉट प्लेस पर खड़े होकर अपने उत्पादों की ब्रांडिंग कर रहे हो जो हर आने-जाने वाले को हेलो-हॉय करते फिरते हो....।
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पायल,मैं तुमसे तुम्हारे घर/हॉस्टल नहीं बल्कि बाहर मिलना चाहता हैं (क्यों जनाब, आपको क्या पायल बेवकूफ नजर आती हैं जो आप बुलाएँगे तो दौड़ी चली आएगी आपसे मिलने। किस फ़िराक में रहते हैं लोग .....मुझे तो समझ ही नहीं आता। .....क्या मैं और आप अच्छे दोस्त नहीं बन सकते? क्या दोस्ती के नाम पर कुछ लोग सिर्फ मौज मस्ती और फ़्लर्ट करना चाहते हैं ? ....चार दिन की बातचीत और हंसी मज़ाक के बाद कुछ लोगो को न जाने क्या हो जाता है??....उनके और मेरे बीच कुछ खामोश हो जाता है । उनकी आँखों के भाव ही बदल जाते है और वो हर बात में घुमा फिरा कर ये बताना चाहते हो कि वो पायल को कितना पसंद करते है ।.....उनके पोस्ट्स और कमेंट की भाषा ही बदलने लगती है और मुझे ये गलतफहमी होने लगती है कि वो अपनी हर पोस्ट मेरे के लिए ही लिख रहे है ।....पता नहीं ऐसे लोग ये क्यों नहीं समझते कि फ्रेंडशिप की सीमा रेखा से थोड़ा अधिक पाने की कोशिश में, जो उन्हें पहले से मिला हुआ एक खुशनुमा अहसास था, उसे भी यूँ गवां दिया ।
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अब तो मुझे ऐसा लगने लगा है कि कोई भी स्त्री, महिला, लड़की किसी भी अपरिचित पुरुष पर विश्वास ही न करे क्योंकि विश्वास में तो ठगे जाने का डर है। अगर मैं किसी को नम्बर देने से इंकार करू तो ऐसे घिसेंगे जैसे मेरा मोबाइल नम्बर......मोबाइल नंबर न होकर उनके लिए अमृत हो। .....ज्यादा बात बढ़ती देख फिर एकमात्र आप्शन रह जाता है कि ब्लॉक करो ऐसे लोंगों को.......सोच में पड़ जाती हूँ मैं कि क्या हम गर्ल्स को रिलेटिव्स के अलावा किसी से भी बात करने की जरूरत भी है ??? इग्नोर करते रहो अपने आप ही मैसेज आने बंद हो जायेगे।....मोबाइल नम्बर तो बिलकुल भी मत दो ...क्योंकि कब कोई धोखा दे दे... कोई नहीं जानता...... मत करो दोस्ती की अपेक्षा, क्योंकि कोई भी दोस्ती का मतलब ही नहीं जानता, यहाँ सब प्यार सॉरी हवस को जानते है .....हर कोई सिर्फ स्वार्थ सिद्ध करना चाहता है....
(दिल से लेना,दिल में ना लगाना)
सभी इनबुकर को प्यार और नमस्कार।।