हमारो मन राधा लै गई रे
मैं तो ठाडो कदम्ब की छैइय्यॉं
वहॉं पे चर रही मेरी गइयॉं
नैनन तीर चलाए के ग्वालिन घायल कर गई रे
हमारो मन राधा लै गई रे
मधुबन में मै गाये चराऊँ
मधुर मधुर बॉंसुरी बजाऊँ
बरसाने की चतुर गुजरिया मेरे पाले पड़ गई रे
हमारो मन राधा लै गई रे
राधा बिन मैं चैन न पाऊँ
यमुना तट पे बंसी बजाऊँ
बंसी धुन में रांधे राधे गाऊँ
बनवारी कर जोड़ कहे मेरे हृदय में बस गई रे
हमारो मन राधा सै गई रे
लै गई लै गई लै गई लै गई लै गई राधा लै गई रे