कम से कम सोशल मीडिया पर तो आप लोग अपने मंदिरों का प्रचार कीजिये
हम अपनी संस्कृति के कमजोर प्रचारक है, ओर इसका हमे बहुत नुकसान उठाना पड़ा है
हम कभी भी अपने मंदिरों की यात्रा नहीं करते और ना ही मंदिरो के लिए कोई उत्सुकता है। यदि हम चाहते हैं कि हमारे मंदिर अजूबों की लिस्ट में शामिल हों, तो विदेशियों से आशा ना रखकर सबसे पहले हमें अपने मंदिरों का भ्रमण और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करना पड़ेगा ।