24 जुलाई 1928 को, बाबासाहाब जी ने, बॉम्बे लेजिस्लेटिव असेम्ब्ली में, 1-3-1928 को पेश किये गये बिल को वापस लिया ! यह बिल था, मेटर्निंटी बेनेफिट बिल जो कि, महिलाओ को प्रसुती के बाद आनेवाली समस्याओ से सम्बण्धीत था ! लेकिन सरकार का इस बिल के प्रति अनास्था देख, बाबासाहाब जी निषेध व्यक्त करते हुए बिल वापिस लिया था !
घटना में शामिल अधिकारों के तहत, भारतीय संसद ने, मेटर्निटी बेनेफिट बिल, जच्चा और बच्चा कि देखभाल के लिये, जो कि 12 हफ्ते का था, अभी 2016 में सरकार ने, उसे 26 हफ्ते तक बढाने का प्रावधान किया है !
इस बिल के पीछे बाबासाहाब जी का यह मानना था, कि काम(ड्यूटी)करनेवाली महिलाओ को, यदि मेटर्निंटी लिव अगर मिल जाती है, तो वह बच्चे कि ठीक से देखभाल कर सकेगी, बच्चा सुद्रुढ बन आगे देश का भविष्य उज्वल होगा ! बाबाजी को कोटी कोटी नमन