गाँव के एक लाईब्रेरी में एक लड़का पढ़ाई कर रहा था। उसने विश्वगुरु तथागत बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, छत्रपति शाहू जी महाराज, ज्योतिबा फुले, डॉ. भीमराव आंबेडकर, राहुल सांकृत्यायन, बाबू जगदेव प्रसाद, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, शहीद भगत सिंह, डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम जैसे महापुरूषों के शैक्षणिक विचारों पर अमल करते हुए मन लगाकर पढ़ाई की वो लड़का (जज) बन गया। उसकी सारी ईच्छाएं पूरी हुईं और वो सुख पूर्वक जीवन जीने लगा।
उसकी यह बात उसके शुक्लागंज के एक करीबी मित्र को पता चला। तो उसके मित्र ने भी पूरे मन से पढ़ाई शुरू कर दिया। कुछ हीं दिनों के मेहनत के बाद वह भी यूपीएससी की प्रतियोगिता पास करके आईपीएस बन गया।
उसके मेहनत से पढ़ाई करके तरक्की करने की बात को झूठ समझकर उसके पड़ोसी गांव डौंडिया खेड़ा के एक युवक ने मन लगाकर पढ़ाई न करते हुए बगल के मंदिर में रोज सबेरे शाम भजन कीर्तन के काम में अपना समय गँवाया। और कांवड तथा लोधेस्वर की यात्रा की वह लड़का आज भी बेरोजगार है और मंदिर में फ्री में शंख बजाने का काम कर रहा है।
उसी गाँव के बगल में बदरका, आटा व बंथर गांव के अनेक लड़कों ने मेहनत से पढ़ाई करने का चमत्कार जानकर मन लगाकर पढ़ाई शुरू कर दिया। उसमें से कोई वकील तो किसी को पुलिस में, किसी को बैंक में, किसी को रेलवे मे नौकरी लग गई है।
बाराबंकी के एक लड़के को जब मेहनत से पढ़ाई करने के चमत्कार की जानकारी मिली तो उसने भी पढ़ाई में अपनी जान झोंक दी वह लड़का डिप्टी कलेक्टर बन गया।
कानपुर के एक बेरोजगार युवक को जब इस बात की जानकारी हुई तो उसने भी मेहनत से पढ़ाई करना शुरू कर दिया आज वह युवक एक सरकारी कॉलेज में लेक्चर है।
बहुत सारे लड़कों ने मेहनत से पढ़ाई करने के चमत्कार को झूठ समझकर पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया। वे सभी के सभी आज भी बेरोजगार है, उनकी शादी भी नहीं हो रही है लड़की वालों को जैसे ही पता चलता है कि लड़का बेरोजगार है, कुछ कमाता नहीं है, वे शादी से मना कर रहे हैं।
इसलिए पढ़ाई के चमत्कार को समझिए और मन लगाकर पढ़ाई कीजिए ताकि भविष्य में सुखमय तरीके से जीवन जी सकें।
Knowledge is Power
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जय विज्ञान! जय संविधान!जय भारत
कहानी का सारांश:
शिक्षित बनें, संगठित रहें, संघर्ष करें।
बच्चों को पढा़ई के लिए प्रेरित करें मंदिर की बजाय विद्यालय भेंजें।