Kamaljeet Jaswal's Album: Wall Photos

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गौ माताओ की लाश खुद क्यो नहीं उठाते ब्राह्मण?

यह सर्व विदित है की दादरी कांड, भाजपा के नेताओं ने अंजाम दिया और यह कोई नयी बात नहीं है ऐसा बराबर होता रहा है . राजस्थान में पशुओं को ले जा रहे एक मुस्लिम युवक की आतंकी बजरंग दल वालों ने पीट पीट कर हत्या कर दी।हत्यारिन “गाय” चाहे पालीथीन खाए भूखे मरे या प्यासी मरे उससे दूर रहने में ही भलाई है।अभी हाल ही में अलवर में अकबर हत्या कांड यह कांड एक बहुत बड़े तूफान को अंजाम देने वाला लगता है ।आप इतिहास उठा कर देख लीजिए उन देशों का जहाँ गृहयुद्ध चल रहा है या हो चुका है ।जी यह सच्च है की शुरुआत में सबकी स्थिति वैसी ही रही है जैसी आज भारत में है।मगर यह भी सही है की अब इस तरह की खाना जंगी उग्र हिंदुवादी संगठनो के लिए ताबूत की आखरी कील साबित होगी । हिन्दुओं की असलियत बताने के लिए लिखी जा रही यह पोस्ट इतना छींट दीजिये की इनको दस्तावर खाना पड़े ? गाय को माता कहने वाले ये लोग ही कानूनी और गैर कानूनी बड़े-बड़े स्लॉटर हाउस चला रहे हैं, जहां हजारों की संख्या में इनकी स्वयं की जिन्दा मातायें (गायें) काटी जाती हैं और अपनी माताओं का माँस मुस्लिम देशों में भेजा जाता है । इनकी तिजोरिया भर रही हैं । .कानूनी तौर पर चलाये जा रहे वध-गृहों जिन में से 80% वध-गृह हिन्दुओं के हैं।इसकी प्रिष्टिभूमि को ऐसे समझिए आप ………

ब्राह्मण द्वारा गाय को अपनी माता कहना …. यार ये ढोंग और पाखंड के अलावा और कुछ नही है । क्योकी अधिकतर चमडे की वस्तुए बनाने के कारखाने सारे ब्रह्मण के ही है। काँफ लेदर जो गाय के बछडे का चमडा है वो भारी कीमत मे अमेरिका भेजा जाता है ।जिंदा गर्भवती गाय के पेट मे औजार मार कर जिंदा बच्चा निकालकर उसे खौलते पानी मे उबालकर उसका चमडा निकाला जाता है, जिसे काँफ लेदर कहते है जो भारी कीमत मे अमेरिका भेजा जाता है । इस कारोबार मे एक भी मुस्लिम नही है। चमडा उद्योग मे 20 लाख लोगो को रोजगार हासिल है। और उससे 2 बिलियन डाँलर की सालाना इंकम होती है। इतना ही नही गाय की चरबी से वनस्पति घी लज्जतदार और स्वादिष्ट बनता है । गाय की हत्या करके साबुन तथा वनस्पति घी बनाने के कारखाने सारे ब्राह्मण के ही है। इसलिए गो हत्या और कत्तलखानो के विरोध मे देशभर जो आंदोलन हो रहे है वो राजनीतिक स्टँट के अलावा और कुछ नही है ।गाय के नाम पर NGO बना कर चन्दा डकारना , असल मे गाय को माता कहना ही सबसे बड़ा पाखंड है, ब्राह्मण जब अपनी माँ को उठाकर श्मशान ले जा सकते है तो वे अपनी गौ माताओ की लाश खुद क्यो नही उठाते? इनकी गौमाताओ को उठाने के लिए अछूतो की जरूरत ही क्यो पड़ती है? फिर उसी गो माता के चमडे से जूते चप्पलें बनवाते हुए तथा उन्हे पहनते हुए इन्हे शर्म क्यो नही आती है ?

भारत की 6 सबसे बड़ी गोश्त सप्लाई करने वाली कम्पनियों में से 4 के मालिक ब्राह्मण ही हैं। दुनिया का सबसे बड़ा “Beef meet exporter country”ब्राज़ील है, उसके बाद India,Australia,USA और UK.
का न० आता है।
4 बड़ी भारतीय कम्पनियां और उनका पता-
1-Al-kabeer Exports Pvt Ltd.
(Owner- Shree Shatish &
Atul Sabharwal) 92, jolly
makers/ chembur Mumbai
400021
2- Arabian Exports pvt Ltd.
(owner- Shree Sunil Kapoor)
Russion mentions, Overlies,
Mumbai 400001
3-M.K.R frozen food Exports pvt Ltd (Owner-Shree Madan Abot)MG Road, Janpath
NEW DELHI 110001
4-P.M.L Industries pvt.Ltd
(Owner- shree A.S bindra)
S.C.O. 62-63Sector 3
4-A Chandigarh 160022

इसलिए गो हत्या और कत्तलखानो के विरोध मे देशभर जो आंदोलन हो रहे है वो राजनीतिक स्टँट के अलावा और कुछ नही है । असल मे गाय को माता कहना ही सबसे बड़ा पाखंड है, ब्राह्मण शुरू से ही गो भक्षक रहे है। ब्राह्मण गाय ही नही इंसानो से लेकर सभी जानवरो की बलि चढ़ाकर उनका मांस खाते थे। इसलिए नेपाल के ब्राह्मण आज भी बड़ी शान से गाय की बलि चढ़ाते है।काठमांडु के काली माता मंदिर मे पहले तो गाय की पूजा की जाती है, उसके बाद गाय के मुँह पर पानी के छिटे मारे जाते है और गाय के सिर हीलाते ही तेज धार वाले छुरी से गाय की गर्दन पर पुजारी ब्राह्मण इस तरह से वार करता है की खून का फव्वारा काली माता के चरणो मे गिरे। तड़पती गाय का खून अन्य मुर्तियो को चढ़ाया जाता है। गर्दन को पुजारी खुद लेकर जाता है और चमडा उतारकर गोश्त देवी के भक्त प्रसाद के तौर पर घर लेकर जाते है। ब्राह्मण ही नही गैर ब्राह्मण तथा गैर मुस्लिम भी गाय का मांस बड़े चाव से खाते है । इसलिए कई मुस्लिमो के संगठनो ने गोहत्या बंदी विधेयक का समर्थन किया वही संसद मे विपक्ष के साथ साथ राजग के कुछ घटक दलों के तीव्र विरोध तथा संसद मे विधेयक की प्रतियाँ फाड देने के चलते वाजपेई सरकार ने गोहत्या विरोधी विधेयक पेश ना करने का फैसला किया था।

इन बाभनों के आका चड्ढीधारी लोग एक खास काम के लिए भी गऊ माता का इस्तेमाल करते हैं । जब किसी शहर का महोल खून – खच्चर करना होता है तो माता जी का गर्दन काट कर मंदिर मे भी फेंक देते हैं !!!!!
**राजस्थान गाँव निम्बोहडा के मंदिर मेँ गाय का सिर काट कर फैकने वाला पकड़ा गया। उसका बायोडेटा-
नाम- जीवन भीम सिंह,
कंपनी-RSS, पद-स्वयंसेवक,
काम-जातिवाद फैलाना ,
हिन्दू मुस्लिमो में दंगे फसाद करवाना,
अन्य उपलब्धिया- गो माता का सर काटकर मंदिरो में फेकना, बेगुनाह मुस्लिमो को पुलिस द्वारा पकड़वाना।
उद्द्येश- ब्राह्मणराज की रक्षा करना । महत्वकांक्षा-संविधान को नष्ट कर मुनुस्मृति पर आधारित ब्राह्मणराज की स्थापना करना ।

कुछ सवाल मेरे भोले भाले किसान और कामगार वर्ग के भाइयों से, जो आज इन हिंदूवादियों के हाथो की कठपुतली बनकर बर्बाद हो रहे है अपने ही भाइयों को मार रहे है।
भारत में जितने भी हिन्दू धर्म के ठेकेदार है वो सभी ब्राह्मण बनिया राजपूत अरोड़ा जाती के लोग है बजरंग दल, विश्वहिन्दू परिषद, राष्ट्रिय स्वंयसेवक संघ, आदि आदि उनमे से सर्वोच्च पदों पर सिर्फ ब्राह्मण जाती के लोग है हिन्दू धर्म के मालिक (सभी शंकराचार्य पण्डे पुजारी) ब्राह्मण जाती के है लेकिन उन सबके घरों में एक भी गाय नहीं मिलेगी गाय सिर्फ तुम किसान कमेरे के घर पर है जो सदियों से उस गाय को पालता पोसता आया है लेकिन आज उस गाय और हिन्दू धर्म की रक्षा के नाम पर तुम लोग इन हिंदूवादीयो के हाथों की कठपुतली बनकर ये गन्दा तांडव क्यों कर रहे हो जब हिन्दू धर्म के ठेकेदार ब्राह्मण है मालिक ब्राह्मण है तो तुम्हे उसके धर्म से क्या लेना देना तुम उसके लिए क्यों मरे जा रहे हो जो इस धर्म के मालिक है जो इस धर्म के ठेकेदार है जो इस धर्म के नाम की रॉयल्टी खा रहे है इस धर्म के नाम पर ऐशोआराम कर रहे है इस धर्म के नाम पर सत्तासुख भोग रहे है वो करे अपने इस धर्म की रक्षा वो करें गाय की रक्षा जो सड़कों पर आवारा गाय घूम रही है वो सभी गायें ये धर्म के ठेकेदार ब्राह्मण बणिये अपने अपने घरों में बांधे उनका पालन पोषण कर के दिखाए लेकिन ये पाखण्डी लोग अपने घर पर एक गाय भी नहीं पाल सकते कुते अवश्य पाल लेते है लेकिन इस गाय रक्षा के नाम पर तुम भोले भाले कैमरों को मरवा कर ये पाखण्डी लोग अपनी सत्ता कायम जरूर कर लेते है लेकिन तुम लोग इनके सडयंत्र क्यों नहीं समझ पा रहे हो अगर तुम लोगो में दिमाग नाम की कोई चीज है तो सबसे पहले इन धर्म के ठेकेदारों ये सवाल जरूर करना की भाई जब धर्म के ठेकेदार मालिक तुम ब्राह्मण बणिये हो तो सभी आवारा गायों को तुम अपने अपने घरों में बांधो उनका पालन पोषण कर के दिखाओ फिर हमें कहना और भारत में जितने भी बड़े बड़े कत्लखाने है उनमे से 90% क़त्लखानों के मालिक स्वर्ण हिन्दू है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो साल में सबसे ज्यादा गाय के मास का निर्यात भारत सरकार यानि मोदी सरकार ने किया है बड़े बड़े कत्लखानों के लिए मोदी सरकार आधुनिक मशीने लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है ।

हिंदू धर्म के सबसे बड़े प्रचारक स्वामी विवेकानंद ने इस प्रकार कहा:”तुम्हें जान कर आश्चर्या होगा है कि प्राचीन हिंदू संस्कार और अनुष्ठानों के अनुसार, एक आदमी एक अच्छा हिंदू नही हो सकता जो गोमांस नहीं खाए. (The Complete Works of Swami Vivekanand, volume.3, page no. 536 ॥
अब आप सोच सकते हैं की ये और इंका चरित्र कितना घटिया है ?? अपना बसेरा ये नहीं बनाते बल्कि दूसरे के बसेरा को अपना कह कर घुस जाए हैं बिलकुल साँप की तरह वो भी चूहे के बिल मे घुस कर चूहे को खा जाता है और रहने लगता उसी माँद मे ।फिर भी तुम लोग इन पाखंडियो के सडयंत्र को क्यों नहीं समझ पा रहे हो…….इस तरह के कांड के बाद भी एक नहीं हुवे तो तैयार रहो निवाला बनने को ???