माननीय वी.पी. सिंह और अर्जुन सिंह के निधन के समय सोशल मीडिया और न्यूज साइट्स के कमेंट सेक्शन को मां-बहन की गालियों से भर देने वाले चाहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी के कामकाज पर तथ्यों के आधार पर भी चर्चा न हो और उनको भूदेव मान लिया जाए.
नहीं हो पाएगा.
मुझसे तो नहीं हो पाएगा. बात है तो की जाएगी. आलोचना और समीक्षा से परे कोई नहीं. और फिर अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में तो ढेरों गड़बड़ियां हुईं. क्यों न हो उन पर बात?
अटल बिहारी वाजपेयी जब नहीं होंगे तब ढेर सारी बातों के अलावा इन वजहों से भी वे याद रखे जाएंगे।
1. आजाद भारत में पहली बार इनके प्रधानमंत्री रहने के दौरान सरकारी कंपनियों को बेचने के लिए अलग से एक मंत्रालय बना और धड़ाधड़ कंपनियां बेची गई। कंपनी बिकते ही रिजर्वेशन खत्म।
2. इनके समय संविधान बदलने के लिए पहली बार संविधान समीक्षा आयोग बना। लेकिन बदल नहीं पाए। विरोध हो गया।
3. इनके समय में भारत ने पाकिस्तान से पहली बार भारत भूमि में लड़ाई लड़ी। पाकिस्तानी पुरानी स्थिति में लौट गए तो उसे जीत बताया गया। सैकड़ों सैनिक शहीद हो गए।
4. प्रमोशन में आरक्षण खत्म होने की शुरूआत इनके समय हुई।
5. भारत का एक भीषणतम दंगा हुआ, कई दिनों तक चला। कोई कार्रवाई नहीं की। दुखी थे।
6. बाबरी मस्जिद गिरने पर चुप रहे। दुखी थे। कुछ बोल नहीं पाए।
7. इनके समय में खूंखार आतंकवादियों को रिहा करने के लिए केंद्रीय मंत्री कंधार तक गए थे।
8. पुरानी पेंशन स्कीम इनके समय खत्म की गई।
9. जाति जनगणना कराने के एच. डी. देवेगौड़ा सरकार के फैसले को बदल दिया। आडवाणी तब गृह मंत्री थे।
दिलीप सी. मंडल