पेरियार इ वी रामासामी के जन्मदिन की हार्दिक बधाई !
संक्षिप्त जीवन परिचय :
पेरियार इ वी. रामासामी का जन्म 17 सितम्बर, 1879 को एक परम्परावादी हिन्दू ओबीसी परिवार में हुआ। उन्होंने ब्राह्मणवादी चातुर्वर्णीय व्यवस्था में बहुसंख्यक शूद्रों की शदियों से चली आ रही मानसिक गुलामी और शारीरिक शोषण के खिलाफ विद्रोह खड़ा किया।
ब्राह्मणों द्वारा लिखे सभी धार्मिक ग्रन्थों को यह कहकर नकार दिया कि ये सारे काल्पनिक ग्रन्थ हैं, जो ब्राह्मणों को श्रेष्ठ व बाकि समाज को नींच साबित करने के लिए लिखे गए हैं।
पेरियार का मानना था कि ईश्वरवाद से पुरोहितवाद का जन्म होता है और पुरोहित ईश्वर की आड़ में समाज का शोषण करता है तथा जाति व्यवस्था ब्राह्मणों की सबसे बड़ी ताकत है तो शूद्रों की सबसे बड़ी कमजोरी।
इसलिए उन्होंने मरते दमतक ब्राह्मण व ब्राह्मणों की मान्यताओं परम्पराओं और संस्कारों से समाज को दूर रहने की सलाह दी।
पेरियार कहते थे कि, "सभी मनुष्य समान रूप से पैदा हुए हैं, तो फिर अकेले ब्राह्मण ऊंच व अन्यों को नींच कैसे ठहराया जा सकता है ?"
"अब समय बदल रहा है उन्हें नींचे आना ही होगा, तभी वे आदर से रह पाएंगे, नहीं तो उनको बलपूर्वक ठीक किया जायेगा या उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जायेगा ।"
पेरियार को हिन्दू धर्म का 'वाल्टेयर' और एशिया महाद्विप का 'सुकरात' कहा गया है ।
बहुजनों के इस अप्रितम योद्धा, त्यागी, निर्भिक, संघर्षशील मशीहा और ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरुद्ध विद्रोही चेतना के प्रखर नायक पेरियार इ वी राममसमी के भौतिक शरीर ने 24 दिसम्बर, 1973 को अपनी जीवन यात्रा पूर्ण की ।