प्रिय गोभक्तो, तुम्हारी जानकारी के लिये बतादूं कि . . .
पड़ोसी देश नेपाल में आज भी तुम्हारी माता (गाय) की बली दी जाती है. काठमांडू के काली माता मंदिर में पहले तो गाय की पूजा की जाती है. उसके बाद उसके मुँह पर पानी के छींटे डाले जाते हैं. फिर जैसे ही गाय सर हिलाती है, पुजारी (ब्राह्मण) उसकी गर्दन पर तेज धार वाली छुरी से इस तरह वार करता है कि खून का फव्वारा सीधे काली माँ के चरणों में पड़े. तड़पती गाय का खून दूसरे देवी-देवताओं को भी चढ़ाया जाता है. उसके बाद गाय की कटी हुई गर्दन पुजारी खुद अपने घर ले जाता है तथा बाकी गोमांस (बीफ) को प्रसाद के रूप में भक्त अपने-अपने घर ले जाते हैं.