हिन्दू धर्म की भयंकर मूर्खताएं
हिन्दू धर्म की भयंकर मूर्खताएं :---
1- सती प्रथा सिर्फ़ हिन्दू धर्म में ही पायी जाती थी ।
मृतक के बच्चे चाहे भीख माँगे या कोठे पर पलें, परन्तु विधवा पत्नी को पति के साथ ही जलना होता था I
2- जन्म से छोटा या बड़ा, हिंदू धर्म मे शुरू से ही तय हो जाता था ।
बाबा साहेब आंबेडकर तो पण्डित जवाहर लाल नेहरू से चार गुना ज्यादा योग्य और महान थे, लेकिन कुछ नालायक मनुवादियों ने मरते दम तक बाबा साहेब को सम्मान नही दिया ।
3- लोग पढ़ेंगे या नाली साफ करेंगे, यह बात भी हिन्दू धर्म में जन्म से ही तय हो जाती थी ।
4- कोई इंसान इज़्ज़तदार बनेगा या गालियाँ सुनने की मशीन बनेगा, यह बात भी हिन्दू धर्म जन्म से ही तय करता रहा है I
5- लोग कौन सा काम करेंगे और कौन सा नही करेंगे, यह बात भी हिंदू धर्म जन्म से तय कर देता था I
6- ज्यादातर ब्राह्मणों के तो मज़े ही मज़े थे, क्योंकि उनके लिए तो जन्म से ही सुख, सम्मान और सुविधाओं के रास्ते खुल जाते थे ।
कुछ ब्राह्मण तो चार छः श्लोक और चार छः कथाएँ सुनाकर पूरी जिंदगी भर खाते रहते थे, उन्हें ज्यादा मेहनत करने की कोई जरूरत ही नही पड़ती थी ।
और जो भी आदमी ब्राह्मणवाद का विरोध करता था, कटटर ब्राह्मण उसे अपनी साजिशों से बर्बाद कर देते थे ।
7- गरीबों की कन्याओं को मंदिर मे देवदासी बनाकर उनका यौन शोषण करने की मूर्खतापूर्ण परम्परा भी हिन्दू धर्म में ही पायी जाती थी ।
दहेज जैसा मूर्खतापूर्ण कार्य हिन्दू धर्म मे बड़ी सादगी से होता रहा है I
8- हिन्दू धर्म में एक तरफ महिला की मूर्ति बनाकर पूजते हैं, दूसरी तरफ भारत में पिछले 10 साल मे करोड़ों कन्याओं की भ्रूण हत्या कर दी गयी है, मनुस्मृति ने तो महिलाओं की गरिमा को खत्म कर दिया है ।
9- जातिप्रथा हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी मूर्खतापूर्ण खोज है, जाति मरते दम तक इंसान का पीछा नही छोड़ती ।
बाबा साहेब आंबेडकर, कांशीराम साहेब, और मायावती जी जैसे नेता पूरी जिंदगी जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ते रहे हैं, लेकिन कटटर मनुवादी किसी ना किसी रूप में जाति व्यवस्था को बचा ही लेते हैं ।
10- बाल विवाह तो हिंदुओं की शान रही हैं I
11- अक्सर अमीरी-ग़रीबी भी हिन्दू धर्म में जाति के अनुसार ही तय होती रही है ।
ज्यादातर कटटर मनुवादी इस बात को बर्दाश्त ही नही कर पाते कि SC और ST समाज के लोग अमीर बनकर सुख, सम्मान और शान से जी सकें ।
अगर SC या ST समाज का कोई अफसर या नेता थोड़ा अमीर होने लगता है, तो कटटर हिंदुओं की आँखों में वो काफी ज्यादा खटकता रहता है ।
कुछ कटटर हिन्दूओं को तब तक शान्ति नही मिलती, जब तक वो SC और ST अफसरों और नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों फंसा नही देते ।
12- ज़मींदार भी यहाँ जाति के आधार पर होते रहे हैं ।
SC और ST समाज के किसान कहीं जमींदार ना बन जाएँ, इसीलिए उनकी जमीनें छीन ली जाती थीं ।
13- हिन्दू धर्म के ठेकेदारों ने कोई महान खोज नही कीं ।
जितनी भी खोजें कीं, उनमे से ज्यादातर खोजें मूर्खतापूर्ण ही थीं, जिनका कोई उपयोग समाज के लिए नहीं किया जा सकता ।
14- जिस तरह से SC और ST समाज के लोगों को पढ़ने से रोका गया, वैसा कमीनापन किसी और धर्म में नही पाया गया है ।
15- नीची जाति की महिलाओं का बलात्कार करने को कुछ लोग अपना जन्म सिद्ध अधिकार मानते रहे ।
और नीची जाति के लोग जब विरोध करते थे, तो उन्हें उलटा लटकवाने की मूर्खतापूर्ण परम्परा भी हिन्दू धर्म में रही है ।
लेकिन फूलन देवी जैसी बहादुर महिला ने अपने साथ हुए जुल्म का सही बदला लेकर साबित कर दिया कि SC, ST और OBC समाज के लोग हालात के शिकार तो हैं, लेकिन किसी के सामने झुकने को तैयार नही हैं ।
16- कुछ हरामखोरों ने तो दलितों को कभी स्कूलों मे घुसने ही नही दिया, क्या कोई और धर्म ऐसा कर सकता हैं?
17- जिन मंदिरों में कुत्ते और बिल्ली भी घुस जाते थे, उन मंदिरों से SC और ST समाज के लोगों को गालियाँ देकर भगा दिया जाता था ।
लेकिन SC और ST समाज के करोड़ों जागरूक लोगों ने हिन्दू धर्म को ठुकराकर मन्दिरों को भी टाटा बाय बाय कर दिया, हमेशा हमेशा के लिए ।
बहुत कुछ है हिन्दू धर्म की मूर्खताओं की धज्जिया उड़ाने को, लेकिन अभी सिर्फ इतना ही काफी है ।
हिंदू धर्म बर्बाद हुआ, क्योंकि यहाँ:---
--बच्चा हो, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–नाम रखो, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–गृह प्रवेश करो, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–पाठ करवाओ, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–कथा करवाओ, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–मंदिर जाओ, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–शादी हो, तो ब्राह्मण को पैसे खिलाओ I
–कोई मर गया हो, तो भी ब्राह्मण को पैसे खिलाओ!!
दरअसल ब्राह्मणों ने खुद ही हिन्दू धर्म को तमाशा बना दिया है ।
ब्राह्मणों ने हज़ारों साल तक SC, ST और OBC के पूर्वजों को खूब गालियाँ सुनवाई हैं, लेकिन आजकल खुद भी हर जगह गालियाँ ही सुन रहे हैं, अगर आपको विशवास ना हो तो BSP, बामसेफ, RPI के कार्यक्रमों में जाकर देख लीजिये ।
इसके बावजूद कुछ ब्राह्मण तो अभी भी जाति व्यवस्था को सही साबित करने की कोशिश करते हैं ।
रही सही कसर पाखण्डी बाबाओं ने पूरी कर दी है ।
पाखण्डी बाबाओं ने धर्म के नाम पर काफी लूट खसोट मचा रखी है :---
-- निर्मल बाबा ।
-- आशाराम बापू ।
– सुधांशु जी महाराज ।
-- इच्छाधारी बाबा ।
-- कच्छाधारी बाबा ।
और भी काफी सारे पाखण्डी बाबाओं ने धर्म के नाम पर अपनी दुकान खोलकर लूट मचा रखी है ।
ज्यादातर पाखण्डी बाबा दूसरे लोगों को तो मोह माया से दूर रहने के उपदेश देते हैं, लेकिन खुद जिंदगीभर अय्याशी करते हैं ।
दरअसल हिंदू धर्म पूरी तरह नौटंकी बन गया है ।
क्योंकि आरएसएस सिर्फ़ धर्मांतरण पर बोलता है, लेकिन हिन्दू धर्म में घुसी हुयी जाति व्यवस्था, नफरत, हरामखोरी और पाखण्ड के खिलाफ कुछ नहीं करता ।
बीजेपी के राज में, हिन्दू धर्म की नैया मे सवार होकर लूट मचाने वाले पाखण्डी बाबा ही सबसे ज्यादा मज़े में हैं ।
वैसे हिन्दू धर्म में सुधार होना ही मुश्किल है ।
इसीलिए मेरी तरफ से उन लोगों को दिल से सलाम, जिन लोगों ने हिन्दू धर्म में घुसी हुई जाति व्यवस्था, पाखण्ड, भेदभाव, हरामखोरी से परेशान होकर हिन्दू धर्म त्याग दिया है ।
डी के सन्त
धार्मिक भारत शिक्षा और ज्ञान से इतना डरता क्यों है?भारत में भी श्रमणों (बौद्धों, जैनों), लोकायतों, आजीवकों के युग में ज्ञान विज्ञान की बहुत खोज हुई थी और आज गिनाई जाने वाली सारी सफलताएं उसी दौर की हैं.
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