अगर केवल मूर्ति बनाने के ही आर्थिक और सामाजिक पहलुओं की तुलना कर ली जाये तो समझ जायेंगे कि मायावती होना मुश्किल है. लखनऊ पार्क की लगत 100 करोड़ (आधिकारिक) और एक नया पैसा विदेश नहीं गया. देश के संसाधनों से देश की प्रतिभाओं ने अद्वतीय कारनामा कर दिखाया.
2007 में जब मायावती ने यूपी की सत्ता संभाली तो पिछला बजट था 80 हजार करोड़ का. और जब 2012 में मायावती सत्ता छोड़ी तो बजट 2 लाख करोड़ से ऊपर था. मायावती द्वारा पेश आखिरी बजट में राजकोषीय घाटा 2.8% था और उसी वर्ष भारत सरकार का राजकोषीय घाटा 5.2% था. इसलिए आर्थिक नीतियों के मामले में भी मायावती होना मुश्किल है.
मायावती का शासन कानून का शासन होता है. मायावती को शासन चलाने के लिए किसी विशेष-सख्त कानून की जरुरत नहीं होती. इसी लिए मायावती ने अपने शासन में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण कानून से तुरंत गिरफ़्तारी का प्रावधान हटवा दिया था. मायावती के शासन में जातीय या सांप्रदायिक दंगे नहीं हो सकते. इसलिए मायावती होना मुश्किल है.
लखनऊ चमकाया, नौयडा चमकाया; एक्सप्रेसवे दिया, फार्मूला वन ट्रैक दिया; किसानों को उनकी मर्जी का मुआवजा दिया; बिजली उत्पादन 5 साल में 3500 MW से 8000MW पहुँच दिया. इसलिए मायावती बनना मुश्किल है.
मायावती ने अपने शासन में 7 मैडीकल कालेज, 5 इंजीनियरिंग कालेज, 2 होमियोपैथिक कालेज, 2 पैरा मैडीकल कालेज, 6 विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय, 100 से अधिक डिग्री कालेज, 572 हाईस्कूल, 100 से अधिक ITI खोले. कभी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा जा कर देखिये. इसलिए मायावती बनना मुश्किल है.
जनता की सुविधा के लिए 27 नए जिलों का गठन किया तो 27 नए जिला अस्पताल, 27 नए जिला एवं सत्र न्यायालय, 27 नए जिलाधिकारी कार्यालय, 27 नए विकास भवन भी बनाये गए. 45 नई तहसील और 40 विकास खंड बने जिसमें लाखो लोगों को रोजगार मिला. इसलिए मायावती होना मुश्किल है.
मायावती के समय में ठेकों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई-टेंडरिंग शुरी की गई. मायावती के शासन में हुई किसी भर्ती में पक्षपात या भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा और न ही कोई भर्ती कोर्ट में चेलेंज की गई. इसलिए मायावती होना मुश्किल है.
मायावती ने अपने 1995 में अपने मात्र 4 महीने के शासन काल में 7 लाख एकड़ खेती की जमीनों के पट्टे भूमिहीनों को दिए. उसके बाद के हर शासन में ये आंकड़ा और बढ़ा. इसलिए आयरन लेडी मायावती होना मुश्किल है.