देश का कोयला सेठों के हाथ गया। कोयले की खुदाई जानते ही हैं कैसे होती है। सेठ लोगों का 2 ट्रक कागज पर निकलता है तो 10 ट्रक बगैर कागज के। बगैर कागज के जो ट्रक निकलता है उसमें 30 % नेताओ को रिश्वत जाती है। 70% सेठ की मुफ्त कमाई।
1973 में इंदिरा गांधी ने कोयले का राष्ट्रीयकरण कर कोल इंडिया बनाया था। उसके बादसे सरकार ही कोयला निकालती और बेचती थी। सेठों की लूट खत्म कर दी गई थी।
अब यह सरकार कोल इंडिया नहीं चला पा रही है इसलिए सेठों को लूटने के लिए कोयला दे दिया।
आप भारत माता की जय, गो माता की जय आदि बोलते रहें। मियों को ठिकाने लगाएं। तब तक संघियों को देश बेचने दें। यह किसी के लिए खबर नहीं है कि देश की संपदा कुछ सेठों के कोठे पर लुटाई जा रही है।
- Satyendra PS
इस देश में लोग सिर्फ धर्म रक्षा के नाम पर मरने के लिए पैदा होते है... इससे ज्यादा तो सोचे भी नहीं.... देशद्रोही घोषित कर दिए जाएंगे..
-Anarya RP-