सीता को कौन उठा के ले गया - श्रीराम जी को नही मालूम ! सीता को कहाँ ले गया - श्रीराम जी को नही मालूम ! लक्ष्मण की मूर्छा भंग करने के लिए बूटी कहाँ मिलेगी - श्रीराम जी को नही मालूम ! रावण कैसे मरेगा - श्रीराम जी को नही मालूम ! दो छोटे - छोटे बच्चे लव और कुश को मारने के लिए पूरी सेना भेज दी , वो किसके बेटे हैं - श्रीराम जी को ये भी मालूम नही ! हँसी आती है जब लोग कहते हैं " दुनिया चले ना श्रीराम के बिना " ।
राम के दरवार में विधवा धोबिन को पेट से पैदा बच्चे की जानकारी के लिए बुलाया गया। पूरा दरबार लगा था।
गुरु विश्वामित्र ने औरत से बाप का नाम पूछा।
औरत ने प्रतिष्ठित आदमी होने के कारण बताने से इनकार कर दिया तो गुरु ने उस
औरत को फांसी की सजा सुनाई और उसकी आखिरी इच्छा जाननी चाही।
औरत ने कहा आप मेरे बच्चे के पिता का नाम पूछ रहे हैं,
पहले आप अपने पिता का नाम बता दें। (क्योंकि विश्वामित्र को घास से पैदा बताया गया है)।
गुरु के पिता का नाम पूछते ही राम तुरंत झल्ला कर बोले- गुरु की इतनी बेइज्जती करने की तेरी हिम्मत कैसे हुई ?
तो औरत ने राम से पिता का नाम पूछ लिया,
(इन चारों के पिता ऋषि बताये जाते हैं, वैसे इनकी माताओं ने खीर खाई थी श्रृंग ऋषि की गुफा में)।
तो लक्ष्मण तुरंत बोले -तूने बड़े भाई का अपमान किया।
तुझे जिंदा नहीं छोड़ूगा।
औरत ने इनसे भी बाप का नाम पूछ लिया।
इसके बाद सीता बोली तूने मेरे देवरजी का अपमान किया।
इसकी जबान काट लो,
औरत ने सीता से भी बाप का नाम पूछा (जो घड़े से पैदा हुई है)।
सीता का अपमान सुनकर तुरंत हनुमान बोल पड़े,
तुने सीता माता का अपमान किया, तुझे मैं गदे से जमीन में गाड़ दॅूगा,
औरत ने तुरंत हनुमान के बाप का नाम पूछा।
हनुमान भी बाप का नाम नहीं बता पाये,
अंत में औरत ने कहा कि यहां सब के सब नाजायज बाप के हराम की औलादें है और मेरे बेटे के बाप का नाम पूछ रहे हैं।
सबसे पहले अपने अपने बाप के नाम पता करके आओ फिर हमसे पूछना,...
Moral- जिसे सोने के हिरण और असली हिरण का फर्क समझ में न आए, वो कैसा अंतर्यामी, कैसा भगवान ??
दिमाग की बत्ती जलाइए !
अॅधविश्वास दूर भगाइए !!
पाखंड का पर्दाफाश