ये #मनुवादी_सरकार किसी तरह से #कानून का गलत इस्तेमाल कर रहीं हैं।
12 तारीख को हमारे यहाँ इलेक्शन है तो आज हम जिस बस से घर जा रहे थे, ये बस प्राईवेट थी जो दोस्तपुर अकबरपुर, फैजाबाद होते हुए लखनऊ आती है, और दोपहर को वापस जाती है। जब बस बाराबंकी क्रास किया। तब आरटीओ वाले आये और बस को रोका फिर बस के ड्राइवर को बुलाया और बसके कागज को मांग और आरटीओ वालों से और ड्राइवर के बीच बातचीत हुआ। इसके बाद उन लोगों ने कागज अपने पास रख लिया और एक राशिद बनाकर ड्राइवर अंकल को दे दिया। जब बस अंकल आये तो हमने पूछा कि कागज कहां है तो बताया कि कागज साहब ले लिये और बोला कल आना है फैजाबाद फिर वहां से कहीं जाना है । तब बस अंकल ने और अपने बस ड्राइवर दोस्तों से बात किया तो पता चला कि कल रैली है और बस रैली में भेजेंगे।
तब मैंने पूछा ऐसा सभी के साथ हो रहा है क्या तब बोले हैं एक बार पहले भी रैली में भेजें चुकें है।
अब समझने और सोचने वाली बात है कि रैली आजमगढ़ में है और लोगों को फैजाबाद, बाराबंकी आदि जगहों से बस के द्वारा रैली में भेजा जा रहा है। ये मनुवादी सरकार अपने रैलियों में भीड़ इक्ट्ठा करने के लिए बाहर से लोगों को बुलाया जा रहा है। आप समझों ये लोग कानून के नाम पर जनता को ही लूट रहें हैं। ये हैं मनुवादी सरकार जो कानून की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। जहाँ कारवाई करनी चाहिए वहां तो हाथ पर हाथ रख कर बैठ रहते हैं। अगर ड्राइवर अंकल ना कर देते तो उनको 20-25 हजार का चालन काट देते इसलिए उनको बस लेकर जाना होगा वो अपने पैसे के तेल से आप सोच सकते हैं ये मनुवादी सरकार किसी तरह कानून का गलत इस्तेमाल कर रही है।