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दलितों की सामूहिक हत्याएं और हिंसा ‘हिंदू आतंकवाद’ है या नहीं?

अगर कोई ताकतवर समूह सुनियोजित और योजनाबद्ध हमला कर किसी खास वंचित सामाजिक समूह के दर्जनों लोगों को मार डालता है, तो क्या उसे आतंकी घटना नहीं कहा जाना चाहिए?

कुमार अरविंदUpdated: 5 April, 2019 11:45 am IST

भारत बंद के दौरान अमृतसर मेंं प्रदर्शन करते लोग, फाइल फोटो | पीटीआई

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कुछ समय पहले आई एक फिल्म ‘मुल्क’ का एक दृश्य और डायलॉग का संदर्भ है. अदालत में जज और प्रतिपक्षी वकील को संबोधित करती वकील और फिल्म की नायिका कहती हैं – ‘टेररिज्म का डेफिनिशन क्या है? ऊंची जाति के लोगों द्वारा नीची जाति के लोगों पर जुल्म टेररिज्म है या नहीं? या इस्लामी टेररिज्म के अलावा आप लोगों को कुछ और टेररिज्म लगता ही नहीं है?’

प्रधानमंत्री की हैसियत से नरेंद्र मोदी ने ‘हिंदू आतंकवाद’ के नारे को चलन में लाने वालों को कठघरे में खड़ा करते हुए कुछ अलग पहलू से बात का सिरा भी खोल दिया. लोकसभा चुनावों में जीत के लिए अपने आखिरी सहारे के रूप में हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हजारों सालों का इतिहास है. इसमें हिंदू आतंकवाद की एक भी घटना है क्या?’

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2013 में जिस बात से चली मोदी की आंधी, उसे अपना रहे अब राहुल गांधी

भाजपा के वक्ता झोंपड़ी में खाना खाने, हंसिया लेकर खेत में जाने जैसे प्रतीकात्मक काम कर रहे हैं जिनके लिए कभी राहुल गांधी का मजाक बनता था.

ज्योति यादवUpdated: 5 April, 2019 2:06 pm IST

राहुल गांधी | नरेंद्र मोदी

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पिछले कुछ दिनों में भाजपा के कई सांसद कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. यही नहीं, नरेंद्र मोदी के भाषणों की इधर खूब आलोचना हो रही है कि वो भाषाई संयम नहीं बरत रहे हैं. जबकि कुछ समय पहले तक भाषणों और वक्तव्यों की वजह से मज़ाक का पात्र बन रहे राहुल गांधी के भाषणों पर अब चर्चा हो रही है. लोगों को अचानक पांच साल पहले के दिन याद आने लगे हैं और चुनाव से पहले अब इनकी चर्चा ज़रूरी है.

2013-14 में चली थी नरेंद्र मोदी की आंधी, जिसमें बह गए थे राहुल गांधी

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