कलेक्टर की परीक्षा में करीब साढ़े चार लाख बन्दे बैठे थे , करीब 13 हजार ने मेन्स क्वालीफाई किया, और
कुल 990 बन्दे सफल हुए है .
सफल बन्दों में से
476 सामान्य
165 अनुसूचित जाति
74 अनुसूचित जन जाती
29 निशक्तजन और
275 ओबीसी अर्थात अन्य पिछड़ा वर्ग से है .
पर यह ओबीसी वर्ग कौनसा वर्ग है ?
ओबीसी वर्ग का एक बहूत बड़ा हिस्सा तो दिन रात आरक्षण के विरुद्ध दुष्प्रचार में लगा रहता है .
काश यह वर्ग आरक्षण के विचार विमर्श से उदासीन बने रहने और कन्नी काटने की बजाय अपनी हीन भावना छोड़े और यह सोचकर बहस में भाग ले कि यदि यह संविधानिक व्यवस्था नही होती तो क्या बाल काटने वाले, कपड़े सिलने वाले, तेल निकालने वाले, मटकिया बनाने वाले, दूध निकालने वाले की संतानें कलेक्टर और पुलिस कप्तान के ओहदों तक पहुंच पाती ?
ओबीसी वर्ग में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख सभी वर्गों की पिछड़ी जातिया शामिल है .
ओबीसी की सूची साभार-राजस्थान सरकार की सामाजिक अधिकारिता विभाग की वेब साइट
इनका व्यवहार उस लकड़हारे की तरह हैं, जो जिस डाल पर बैठा है उसी को काट रहा है। इनके मन-मस्तिष्क पर हिन्दुत्व का नशा इस कदर हावी है कि ये अपने ही पांव पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं। जब नशा उतरेगा तब तक इनकी नैया डूबने की कगार पर होगी। अपनी आनेवाली पीढ़ी के प्रति जरा भी परवाह हैं तो इस वर्ग को सावधान हो जाना चाहिए।