Via Veena Yadav
बिहार के बिहिया बाज़ार में सरेआम नंगा करके घुमाई गई महिला दलित थी। पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
किसी दलित महिला को नंगा घुमाए जाने की यह घटना पहली नहीं है अभी कुछ दिन पहले उत्तरप्रदेश में भी ऐसी ही घटना हुई। जब दलित लड़के के सवर्ण लड़की से प्रेम करने का बदला लेने के लिए लड़के की चाची को सरेआम बलात्कार कर नंगा घुमाया गया था। मध्यप्रदेश में भी एक दलित महिला को बच्चा चोरी के शक में नंगा कर मारा-पीटा गया। इस घटना में महिला की मौत हो गई थी। गुज़रात में भी यही हुआ था। पिछले साल एक दलित जोड़े को भी नंगा करके ढोल पीटते हुए पूरे गाँव में घुमाया गया था। पिछले 1 साल में 60 से ज़्यादा मॉब लिंचिंग हुई और महिलाओं को नंगा कर पीटने और गाँव भर में परेड निकालने की घटनाएँ हुई सब के सब दलित और पसमांदा थे।
एससी-एसटी एक्ट और महिलाओं के लिए बनाए गए तमाम कानूनों के बाद ऐसी वीभत्स घटनाएँ दोबारा हुई क्योंकि सरकार चाहती है कि ऐसी घटनाएँ हों।
आख़िर ये ही क्यों ईजी टारगेट हैं??
अपराधियों का भी जाति-धर्म होता है जैसे विक्टिम का। दरिंदगी करने पर उतर आई भीड़ सरकार के सपोर्ट के बिना कुछ कर ही नहीं सकती। भीड़ का ना चेहरा और ना ही नाम। बस भीड़ एक मारक हथियार बना लिया गया है समाज में ख़ौफ़ पैदा करने का फिर बहाना चाहे कोई भी हो।
और दलितों-आदिवासियों के अत्याचारों से तंग आकर एससी-एसटी एक्ट को ख़त्म करने के लिए कल दो सवर्णों पृथ्वीराज चौहान और प्रिया शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की !